आओ मिलाऊं आपको एक ऐसे राज्य से,
जो स्थित है भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में !
एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक राज्य,
जो गिना जाता है भारत के
सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में !
नाम है उसका बिहार !
भारत का कंठ हार है बिहार!
जिसकी प्राचीन इतिहास है गौरवमयी !
जहां की धर्म, ज्ञान, संस्कृती है मनमोहनीय !
पवित्र गंगा को गोद में समाएं,
सभ्यताओं को नई पहचान दिलाए,
नाम है उसका बिहार!
जनक की नगरी, मां गंगा का श्रृंगार
चंद्रगुप्त का साहस, अशोक की तलवार,
इनसे पहचाना जाता है हमारा बिहार!
आओ मिलाऊँ आपको
बिहार के उन जिलों से,
जो विख्यात है अपने
अलग-अलग अभिज्ञान से !
अररिया जिला जाना जाता है,
अपने मुख्य कृषि उत्पादन
मक्का, जूट और धान से !
भागलपुर जिला प्रसिद्ध है अपने
रेशम और सिल्क के व्यापार से !
दरभंगा जिले की बात आए
तो यह पहचानी जाती है,
अपनी बौद्धिक परंपराओं और
प्राचीन संस्कृति से !
अब आते है बिहार के उस जिले में,
जो प्रसिद्ध है अपने एतिहासिक पुराणों में,
बोधि वृक्ष के नीचे प्राप्त हुई थी
जहां ज्ञान बुद्ध को,
वह पवित्र स्थान जाना जाता है
गया जिले के नाम से !
आइए अब हमारे सीमावर्ती जिला किशनगंज में
बिहार में चाय की खेती की बात की जाए तो,
सबसे पहला उत्पादक है ये !
अपने खगड़ा मेला के नाम से प्रसिद्ध है ये !
मधुबनी जिला प्रख्यात है
अपने प्राचीन कला से,
धन का वन जाना जाता है
अपने मधुबनी चित्रकला से !
मुजफ्फरपुर की बात की जाय तो
यह जानी जाती है
अपनें मिठी- मिठी लीचीओं से,
बाबा गरीब नाथ मंदिर लोकप्रिय है यहां
अपनें अलग आकर्षण से !
अब आते है बिहार के सबसे बड़े नगर में
बसता है बिहार का ह्रदय इस महानगरी में
पटना जिसका नाम है, हम बिहारियों का जो शान है !
यहां की प्रसिद्धि है प्रशंसनीय !
यहां का इतिहास है अगणनीय !
ऐतिहासिक इमारतों से लेकर,
यहां की लिट्टी चोखा है आनंदनीय !
ऐसे ही 38 जिलों एवं 9 प्रमंडलो का है ये राज्य !
जाना जाता है जो अपने- अपने विशेषताओं से !
गर्व है हमे अपने बिहार पर,
जहां जन्मे महान कवि रामवृक्ष बेनीपुरी,
फणीश्वरनाथ रेणु और रामधारी सिंह दिनकर !
गर्व है हमे अपने बिहार पर !!
प्यार के हिस्से में
बस इंतजार आता है।
कोई दिल से समझेंगा उसे।
यह सोच कर वो कह भी नहीं पाता है।
प्यार के हिस्से में
बस इंतजार आता है।
एक उम्मीद लिए
निकलती है जिंदगी
कोई डूब कर पायेंगा उसे
इसी कशमकश वो किनारा भी नहीं पाता है।
प्यार के हिस्से में
बस इंतजार आता है।
प्यार कहाँ कोई मंजिल पाता है।
मंजिलें पाने वाला भी खाली हाथ रह जाता है।
यह वो सफ़र है जिसका कोई अंत नहीं।
साथ तो चलता है।
मगर अकेले ही रह जाता है।
प्यार के हिस्से में
बस इंतजार आता है।
जब यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछा कि धरती से भारी और आकाश से भी ऊंचा कौन है तब युधिष्ठिर ने उत्तर दिया माँ धरती से भी बड़ी तथा पिता का कद आकाश से भी ऊंचा होता है। हम बचपन से यही सुनते समझते चले आ रहें है कि इस दुनियाँ में माँ- बाप की जगह दूसरा कोई नहीं ले सकता,यह बात जगविदित भी है।
आज के लेख का केन्द्र बिन्दु है माँ, वह भी एक जानवर माँ। माँ अपने बच्चों से बहुत प्यार करती है फिर चाहे वह इंसान या जानवर। ममत्व दोनों मे पाया जाता है। आपने देखा होगा माँ अपने बच्चों की रक्षा करने के लिए अपने से शक्तिशाली लोगों से भिड़ जाती है। आपने देखा होगा बिल्ली को जो कि कुत्ते से डरती है। लेकिन जब उसके बच्चे पर कोई कुत्ता आक्रमण करता है वह उसके सामने अपने जान की बाजी लगाकर एक आक्रमक रूप धारण करके कुत्ते से भिड़ जाती है। यह होती है एक माँ की ममता और शक्ति। अपने आस पास देखिए इंसानो से लेकर जानवर तक इस तरह के हजार उदाहरण मिल जायेंगे।
दो दिन पहले जब मैं सुबह 11बजे कार्यालय के लिए निकला तो देखा बिल्डिंग की सीढ़ी पर एक कुतिया अपने नवजात मरे हुए बच्चे के साथ बैठी थी। देख कर लग रहा था कि वह 1-2 दिन पहले ही मर चुका था। लेकिन माँ की ममता देखिए वह अपने मृत बच्चे को छोड़कर जाने के लिए तैयार नहीं। अपने मृत बच्चे को किसी को हाँथ भी लगाने नहीं दे रही थी। यह सब माँ की ममता की वजह ही तो है।
खैर मैं अपने कार्यालय के लिए निकल गया लेकिन यह दृश्य मेरे दिल एवं दिमाग में एक छाप छोड़ गया। एक जानवर में माँ की ममता का जीवंत उदाहरण देखकर मन द्रवित हो गया। सोचने लगा माँ तो माँ होती है, उसकी जगह भला कौन ले सकता है।
कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। जब मैं कार्यालय से रात्रि 11 बजे वापस आया तो दृश्य देख कर और हैरान हो गया। वह कुतिया अपने मृत बच्चे के साथ बगल में बैठी मिली। वह बहुत उदास एवं परेशान दिख रही थी। किसी ने रोटी रखा था लेकिन उसने खाया नहीं। यह सब दृश्य एवं माँ की ममता देखकर दिल करुणामय हो जाता है। उस बेजुबान कुतिया ने आज बहुत कुछ कह दिया। माँ की ममता का एक पाठ पढ़ा गई। उन सभी इंसानो को इससे सीख लेनी चाहिए जो लोग अपने माँ का सम्मान नहीं करते।
किस तरह से भूल जायें ईद सब
हो के ख़ुश कैसे मनायें ईद सब
अश्क़ आँखों से निकलते याद में
पोछकर आँसू सजायें ईद सब
इक वबा से सामना है आजकल
दूर रहकर गुनगुनायें ईद सब
है तक़ाज़ा वक़्त का ऐसा अभी
क़ुर्बतों में मत मनायें ईद सब
ऐप पर या फोन पर बातें हुईं
बोलकर फिर यूँ जतायें ईद सब
ऐ ख़ुदा दे दे शिफ़ा आवाम को
कुछ तसल्ली हो तो पायें ईद सब
बाँटकर `आनन्द` सबको बस दुआ
घर में रहकर ही मनायें ईद सब
शब्दार्थ:- क़ुर्बत = नज़दीकी
Written By Anand Kishore, Posted on 14.05.2021
कैसे रहूं भगवन तेरे बिना,
कैसे सोचूं भगवन तेरे बिना,
चलूं भी तो कैसे चलूं तेरे साथ बिना,
अब तूही बता ईश्वर कैसे जिऊ अब तेरे बिना,
हे ईश्वर तुझे करती हूं बारंबार प्रणाम...
बहुत कुछ दिया तूने मुझे भगवन
जितना मैं सोची थी उसे लाख गुणा,
गिरते हुए को उठाया तूने भगवन,
भटके राही को राह दिखाया तूने भगवन
हे ईश्वर तुझे करती हूं बारंबार प्रणाम
तूने जो रहमतों का बारिश किया मुझ पे,
एक अबला को सबला बनाया तूने भगवन
धूप में छाया बनके साथ दिया तूने मुझे,
जब जब पुकारी मैं मेरे पास आया तू भगवन
हे ईश्वर तुझे करती हूं बारंबार प्रणाम.....
हर एक मेरे सपनों को पूरा किया,
उम्मीद से ज्यादा तूने खुशियां दिया,
कभी आखों से मेरे आंसू गिरने न दिया,
हर पल खुशियां की तूने सौगात दिया,
हे ईश्वर तुझे करती हूं बारंबार प्रणाम...
जिंदगी में दुर्गम मार्ग को सुगम बनाया आपने,
गलत राह से,सही राह दिखाया आपने,
निराशा को आशा में बदल दिया आपने,
तिमिर में एक ज्योत का दीप प्रज्ज्वलित किया आपने
हे ईश्वर तुझे करती हूं बारंबार प्रणाम...
Written By Manisha Kumari Jha, Posted on 19.03.2023पता नहीं कितनी आकांक्षाएं
कितने स्वप्न अपने में ही
सिमटकर रह गए
पता नहीं क्या है
जो कांटे सा चुभता है
सोने नहीं देता रात-रात भर
एकांत बन जाता है
जिंदगी का अटूट सिलसिला
विवशता बनती है
जिंदगी की परिभाषा
पता नहीं क्यों
जिंदगी हर्षित है रेगिस्तानों में
पता नहीं कैसे जी लेता हूं मैं
जबकि तुम
केवल यादों में हो.
हर इक से लेना इजाज़त बहुत ज़रूरी है!
बड़े बुज़ुर्गों की बैयत बहुत ज़रूरी है!
सुना है चाहे हक़ीक़ी हो या मिजाज़ी हो,
कोई भी इश्क़ हो शिद्दत बहुत जरूरी है!
तमाम फिरक़ों में हम बटके हो गए कमज़ोर,
हमारे बीच रिफाक़त बहुत ज़रूरी है!
मचल मचल के मिरा दिल ये कहता रहता है,
मदीने पाक की हिजरत बहुत ज़रूरी है!
ख़ुदा की याद से मिलता सुकून है यारो,
हमारे क़ल्ब को राहत बहुत ज़रूरी है!
के हमने इक़रा का वो दर्स तक भुला डाला,
ये दूर करनी जेहालत बहुत ज़रूरी है!
बड़े बुज़ुर्ग तो सिर्फ आप ही बचे हैं जनाब,
तो पहले आपकी शिरकत बहुत जरूरी है!
मशावरत में सुना है छुपी तो है बरकत,
हर इक की राय इजाज़त बहुत ज़रूरी है!
ख़ुदा के सामने सर अपना तुम झुकाओ लकी,
ये पंज वक़्ता ईबादत बहुत ज़रूरी है!
जिंदगी जब तक रहेगी,
कुछ ना कुछ कमी रहेगी,
तुम्हारी ही नहीं हमारी भी,
कुछ न कुछ इच्छा अधूरी रहेगी,, जिंदगी...
कोई करले चाहे लाख जतन,
कोई जुटा ले चाहे लाख धन,
हमेशा लगता है कम ही कम,
ये कमी आखिर कब पूरी होगी,, जिंदगी...
अमीर होकर भी सुख नहीं है,
फकीर होकर भी सुख नहीं है,
अपने सुख से कोई खुश नहीं है,
न जाने कब ये भूख मिटेगी,, जिंदगी...
Written By Bharatlal Gautam, Posted on 19.03.2023ढूंढता रहता हूं मैं उस हिन्दोस्तान को।
जिसमें न मारा जाए किसी मासूम को।
जिसमें न लूटा जाएं किसी मजलूम को।
जिसमें खाने को मिले रोटियों बेहिसाब।
जिसमें न हो महंगाई में हालात अब खराब
ढूंढता रहता हूं मैं उस हिन्दोस्तान को।
न चढ़ाई जाएं किसी मासूम की बली।
अमन से ही मुझको मिले रोशन सारी गली
Written By Abhishek Jain, Posted on 25.04.2023सर्दी का मौसम हो
गर्मी का मौसम हो
वर्षा का मौसम हो
हम हर मौसम में
कुछ न कुछ
परेशानियों से
दो चार होते हैं
पर पेड़
हर मौसम में
एक से होते हैं
वो सर्दी की ठंडक
गर्मी की तपिश
और
वर्षा की बहारें
सदा मुस्कुराते हुए
सहते रहते हैं
हमें भी उनसे कुछ
प्रेरणा लेनी चाहिए
सदा सुखमय जीवन
जीने के लिए।।
Written By Manoj Bathre , Posted on 11.05.2021कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।