हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Friday, 28 July 2023

  1. मरहुम जमाना
  2. सब्ज़ीवाला
  3. रिश्ता भी उनसे कोई
  4. नफरत का जहर न नजर में भरो
  5. देखो भैया मत कहना
  6. सफल कोई मंत्र नही
  7. अंधा हूं! नफरत ना करना
  8. देह पर नेह की शेष कुछ तो निशानी होती है
  9. मोदी बन जाऊँगा
  10. नई तहज़ीब ने डेरा जमाया

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हालतें दर-बदर ऐसे हुए

न जागे न सोए,

सुना नहीं जमाना उस दिन हम बहोत रोए।

मुश्किलो से बाधाओं से लड़ने का शोक था,

खड़े थे कतार में लोगों ने किया मजाक था,

संभालना क्या हम जो था फिरते हैं उसे ही खोए।

 

हार गए कोई बात नहीं एक सबक तो सीखा है,

बोल उनके जख्म देते जहर से भी तिखा है,

खत्म होती दिखी जीवन रेखा है अब कहां से टोए।।

 

राधये,काश समझ लेते समय रहते ये हाल न होता,

कौशिश की मर जाते कब के खुद को खुद का ख्याल न होता,

हर शख्स है रोता किसने किसके आंसू धोएं।

 

विजेन्द्र सतवाल राधये रोहतक हरियाणा

Written By Vijender Singh Satwal, Posted on 14.11.2022

(1.) मैं हूँ सब्ज़ीवाला बच्चों

मैं हूँ सब्ज़ीवाला बच्चों
तुकबन्दी कर बेचूँ सब्ज़ी
तनिक निकट आ जाओ मेरे
मत खेलो तुम दिन भर पबजी

(2.) शाकाहारी

बन जाएँ यदि शाकाहारी
कोसों दूर रहे बीमारी
खाएँ बस भाजी तरकारी
ताज़ा-ताज़ा, प्यारी-प्यारी

(3.) पालक

पास हमारे, आओ बालक
खूब बना है, खाओ पालक
ताकत भर दूँगा मैं तुझमें
भरपूर विटामिन हैं मुझमें

(4.) तोरी

मैं हरी-हरी, नटखट छोरी
सब कहें मुझे, तू है तोरी
हर दुकान में दिख जाती हूँ
तू ख़रीद मुझे भरके बोरी

(5.) भिंडी

मुझको पहचानो मित्रो,
जी भिंडी हूँ, मैं भिंडी
जग में सब खाते मुझको,
दिल्ली हो रावलपिंडी

(6.) टिण्डा

बच्चे न मुझे खाते हैं
बस नाक-भों चिढ़ाते हैं
पर मैं हूँ सोना मुण्डा
कहते हैं मुझको टिण्डा

(7.) घीया

अंग्रेजी में लौकी हूँ मैं,
हिन्दी में बोलें घीया
मेरे गुण अनमोल कई हैं,
जो खाए जाने भइया

(8.) आलू

मोटा मटमैला पिलपिला हूँ,
कहते हैं मुझको आलू जी
हर सब्ज़ी में, दुनिया भर में
खाय मुझे लल्ली-लालू जी

(9.) धनिया

हर सब्ज़ी का स्वाद बढ़ाऊँ
सबसे न्यारा मैं कहलाऊँ
फ्री में मुझको देते बनिया
कहते मुझको बच्चों धनिया

(10.) सीताफल

कोई सीताफल बोले,
कोई कहता कद्दू जी
मुझको बेहद चाव से,
खाते हैं दादी–दद्दू जी

Written By Mahavir Uttaranchali, Posted on 07.03.2023

खंडहर भी बोलते हैं,
पूछो अगर मुहब्बत से,
वीरान सी बस्ती है,दिल,
मेरा,यारों  तो क्या हुआ,
हाल अपना लिख दूं कि,
उनकी कहानी लिख दूँ,
बेवफा तो थे नहीं मगर,
किस्मत को क्या हुआ,
न कोई वास्ता तेरा न,
रिश्ता भी उनसे  कोई,
दास्तान पर उसकी तेरी,
आँखों को क्या हुआ,
तूफान - इश्क दिल में,
उठते हैं कहाँ.हैं अब,
रब जाने प्यार की उन,
हंसीं मौजों को क्या हुआ,
एतबार  इंतेज़ार और,
इंतेखाब मेरा ` मुश्ताक `,
बता - बता वफा - शुआर,
तेरी बेकरारी को क्या हुआ

Written By Mushtaque Ahmad Shah, Posted on 22.03.2023

नफरत का जहर न नजर में भरो।

प्रीति अमृत हमेशा भरा कीजिए।।

दिल दुखा कर तुम्हें क्या मिला है सनम।

मन: दर्पण स्वयं का भी देख लीजिए।।

 

जब कहे मन तुम्हारा श्याम बहुत दिल तुम्हारा।

इस बात का मेरी जां तब यकीं कीजिए।।

इस जहर से ही है सारे रिश्ते बिगड़ते।

इस जहर को अमिय से बदल दीजिए।।

 

मिटा राज रावण बस इस जहर से।

दशरथ का हुआ मरण बस इस जहर से।।

प्रीति जोड़ी विभीषण ने जब राम से।

राम ने कहा मित्र अभय राज कीजिए।।

 

इसीलिए ऐ प्रिये अब भी जरा गौर करो।

नफरत की जिद छोड़ प्रीत की ओर बढ़ो।।

मन का मिटाकर मैल दिल में प्रकाश भरो।

एक बार प्रीति का भी स्वाद चख लीजिए।।

Written By Shivang Mishra, Posted on 01.04.2023

भाई बहन का रिश्ता बहुत पवित्र होता है,

एक बार जुड़ जाए तो फिर नहीं टूटता है,

कुछ साल का साथ है हमारा तुम्हारा,

फिर हम भूल जाएं या तुम भूल जाना,

देखो भैया मत कहना....

पहले से ही भर जाती है राखी से मेरी कलाई,

तुम भी बांधोगी तो जगह की होगी कठिनाई,

पहले से ही है मेरे हाथों में राखी की बोझ,

बहुत बहनें है मेरी और बहन नहीं है बनाना,

देखो भैया मत कहना....

जाति भी वही है उम्र भी सही है,

सरल नहीं है बात जो तुमने कही है,

वक्त कौन सा करवट बदले किसने है जाना,

कही तुम्हें ही न पढ़ जाए मेरे घर आना,

देखो भैया मत कहना....

Written By Bharatlal Gautam, Posted on 20.04.2023

सफल कोई मंत्र नही

SWARACHIT6000

Lakshmi Rawat
~ लक्ष्मी रावत

आज की पोस्ट: 28 July 2023

सफल कोई मंत्र नही
सफ़लता एक युद्ध है
कही असफलताओं के
बाद मीठा फल ही सफलता है
कही असफलता से हार कर
गिरा ही रहना असफलता
असफलताओ के मिलने के
बाद भी गिर कर उठना ही सफ़लता
यह आरजी दुनियां है
क्या सफलता क्या असफलता
जो हार कर हार ही मान ले वह असफलता
हार कर भी जीत के लिए
लड़ता रहा वह एक महान सफलता
इस आराजी दुनियां में हर बात अधूरी है
हर जीत है ला हासिल हर बात अधुरी है.

Written By Lakshmi Rawat, Posted on 28.07.2023

अंधा हूं इसलिए मुझसे
नफरत ना करना ।।
वफा का पुजारी हूं मैं
मुझसे बेवफाई की चाहत मत करना।।

अंधा हूं इसलिए मुझसे
नफरत ना करना।।
अंधा जरूर हूं लेकिन
दिल की आंखें अभी सलामत हैं
मुझसे नजरें फरेब की
जुर्रत ना करना।।

अंधा हूं इसलिए मुझसे
नफरत ना करना
अंधा होकर भी
सर झुकता है फकत दरें खुदा पर मेरा
नसीहत है अंधे की तुम्हें
दुनिया के खुदाओं की
कभी इबादत ना करना।।

अंधा हूं इसलिए मुझसे
नफरत ना करना
कहती है अंधी आंखें मेरी
किसी के दर्द को देखकर
खुद के दिल में कभी राहत ना करना।।

अंधा हूं इसलिए मुझसे
नफरत ना करना

Written By Mustak Ali, Posted on 28.07.2023

हरसिंगार की महक में दुनिया दीवानी होती है।
खिलता है जब पारिजात हर ओर खुशहाली होती है।।

देह पर नेह की शेष कुछ तो निशानी होती है।
मोह में उलझी हुई हम सबकी जवानी होती है।।

हर सफर में जिंदगी की कुछ तो रवानी होती है।
बीते हुए हर एक लम्हें की खसक पुरानी होती है।।

तल्खियां सहने लगे तो घुटन बीमारी होती है।
हर घर घर की राजेश बस इतनी ही कहानी होती है।।

दर्द को सहन करने की ताकत जवानी होती है।
इंसानियत से रहने की आदत रूहानी होती है।।

Written By Rajesh Kumar Sharma, Posted on 28.07.2023

इक दिन देखा उसको मंदिर में
और उसके ख्वाबो मे खो गया ।

वो दिखती है इतनी प्यारी की
उसके प्यार मे मैं जोगी हो गया ।

किसी की नज़र न पड़ने देता
उसके लिए मैं योगी हो गया ।

उसकी ख़ुशी मे मेरी ख़ुशी
उसके लिए मैं मोदी हो गया ।

Written By Shiv Pandey, Posted on 28.07.2023

ये होना चाहिए था पर नहीं है
दुपट्टों में कोई भी सर नहीं है

नई तहज़ीब ने डेरा जमाया
बचा इस से कोई भी घर नहीं है

निगाहें नोश फरमा हैं खुली हैं
नज़र है ढीट कोई भी डर नहीं है

मुक़ाबिल है हमारे ही नफ़स के
हमारा नफ़्स बह रो बर नहीं है

मुक़ाबिल थे मिरे बेटे ही मुझ से
के अब बेटी कोई कमतर नहीं है

मिज़ाजे शाह है सच बात कहना
अब इसमें तो कोई आज़र नहीं है

Written By Shahab Uddin, Posted on 28.07.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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