नाम: विजेन्द्र सतवाल राधये
शिक्षा:
शहर: झज्जर
शौक: हरियाणवी लोकगीत गाना-सुनना,हिन्दी गाने सुनना, अपने विचारों-भावो को लिखना।।
कलमकार का कहना है-
"मेरा पारिवारिक परिवेश ही ऐसा रहा जहां पर गाने-बजाने का शोक रखते थे।एक तरह से कहा जाए तो खून में ही है ये सब बचपन से लिखता रहा हूं. पेशे से मैं प्राइवेट सेक्टर में इंजीनियरिंग हूं।
"
हमारे देश के नए रचनाकारों के विचारों को साहित्य की दुनिया में एक विशेष स्थान प्रदान करने में आप जैसे पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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