हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Saturday, 22 July 2023

  1. तेरी बंसी पे नाचे हर कोई
  2. तेरे शहर में अब में रहता नही
  3. वो पत्थर 
  4. लड़को का दर्द
  5. मेरी ग़ज़लों की बेबसी समझो
  6. उदास नदियाँ

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श्यामा कैसी है रुत आई
तेरी बंसी पे नाचे हर कोई

तेरी धुन में बने हैं दीवाने
इस प्रेम को जग क्या जाने
वही जाना है जिसने लग्न लगाई
तेरी बंसी पे नाचे हर कोई
श्यामा कैसी है रुत आई
तेरी बंसी पे नाचे हर कोई.....

तेरे नाम की प्रीत जो लगाए
दुनिया को वो भूल जाए
सांसों पे तेरी माला सजाई
तेरी बंसी पे नाचे हर कोई
श्यामा कैसी है रुत आई
तेरी बंसी पे नाचे हर कोई.....

Written By Priti Sharma, Posted on 27.06.2023

अब सहना मेरे बस की बात नही,
तुम अब मेरे साथ नही,
तुम हो खुश मुझे एतराज नहीं..!

कविता में तेरा कहीं अब जिक्र नहीं,
तुम  हो गुमशुदा_गुमशुदा ही सही,
तुम्हे खोज ने की मेरी अब तलाश नही..!

ना उम्मीद तुझ से ना आस रखा हूं,
खुद पर बहुत विश्वास रखा हूं,
तुम खुश होगा बहुत ये उम्मीद जरूर रखा हूं.!

तुम हर पल हमेसा मुस्कुराते रहो,
इतना तो प्यार तुझ से आज भी करता हूं..!
इसी लिए में उदास होकर बैठा हूं..!

तेरे शहर में अब में रहता नही,
पर दिल उसी शहर में छोर आया हूं.
में कहीं रहूं तेरे तसबीर अपने दिल में रखा हूं..!

Written By Deepak Jha, Posted on 16.07.2023

वो पत्थर 

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Nandlal Ahi
~ नन्दलाल आही

आज की पोस्ट: 22 July 2023

वो पत्थर पड़ा था राह पर, जिसपर पैर रखकर सभी निकल निकल गये
वो पत्थर तो जरा उठाओ, और उसको हृदय से लगाओ।।

सुना है कि पत्थर मे भी भगवान होता है
जो पत्थर राह पर पड़ा, उसे उठाकर शिव का रूप दिया।।

उठाकर उस पत्थर को जब पेड़ के नीचे रखा।
देखा गजब नजारा वो पत्थर भगवान बना।।

अजब नजारा दुनियां का उसके लिए फिर मंदीर बना।
कल तक था जो पैरों के निचे पड़ा, आज उसके लिए एक मंदिर खड़ा।।

पूजा उसकी फिर हुई विशेष, दुनियां की फिर भीड़ बढ़ी।
कोई उसपर पैसे लुटाता, कोई लुटाता फूल।।

कोई उतारे आरती, कोई मांगे माफ़ी हो जाये कोई भूल।
वाह री दुनियां तेरा नज़रिया, देखने का तेरा दस्तूर।।

आज ये समझ में आता है, भगवान किसे कहा जाता है ।
भाव में बैठा है वो, कल्पना में रहता है वो, हृदय मंदिर में है विराजमान।
और गरीबो की दुवाओं में समाया है वो।।

कण - कण में भगवान है, आज ये जान लिया।
राह पर पड़ा पत्थर भी भगवान है, ये मान लिया।।

Written By Nandlal Ahi, Posted on 18.07.2023

लड़को का दर्द

23WED08642

Avinash Rai
~ अविनाश राय

आज की पोस्ट: 22 July 2023

कहा जाता है की लड़को को दर्द नहीं होता,
सच्चाई है की बिना दर्द के कोई मर्द नही होता|
लड़को की भावनाओ की नही होती है कद्र,
अपनी भावनाओं को मारकर ही बनते है मर्द|
लड़को को अपनी आसुओं को पड़ता है पीना,
बहुत आसान नही है यहां लड़का बनकर भी जीना|
लड़कों के सिर पर होती है जिम्मेदारियों का बोझ,
बाहर से हंसता अंदर से खत्म होती है उसकी मौज|
इच्छाओं को मारकर करना चाहता सबको संतुष्ट,
 फिर क्यों समाज लड़कों को ही समझता है दुष्ट|
ए दुनिया लड़कों का भी दिल है दुखता,
हर लड़कों के मन में इसका सबूत है पुख्ता.

Written By Avinash Rai, Posted on 18.07.2023

मेरी ग़ज़लों की बेबसी समझो!
मेरी नज़्मों की तिश्नगी समझो!

ज़िन्दगी आख़री डगर पर है,
तुम मेरा इश्क़ मुल्तवी समझो!

इतनी वहशत है की तुम अब मेरा,
आख़री वार खुदकशी समझो!

मेरी चीख़ों में दर्द पैहम है,
मैं न कहती थी ख़ामशी समझो!

इश्क़ होता नहीँ मयस्सर अब,
चन्द लम्हों को दाएमी समझो!

बेबसी हिज्र का नतीजा है?
इस मुहब्बत को आख़री समझो!

जिस्म को कर्ब का 'दिया' मुझको,
दोस्त वहशत की रोशनी समझो!

तुम को 'ज़ोया' को गर समझना है,
मीरो ग़ालिब की शायरी समझो!

Written By Zoya Sheikh, Posted on 22.07.2023

इतनी चुप क्यों हो
जैसे रीति नदियाँ
तुम्हारी खिलखिलाहट
होती थी कभी
झरनों जैसी कलकल
रूठना तो कोई तुमसे सीखे
जैसे नदियाँ रूठती बादलों से
मै बादल तुम बनी नदियों सी
स्वप्न में
सूरज की किरणें झांक रही
बादलों के पर्दे से
संग इंद्रधनुष का तोहफा लिए
नदियाँ सूखी रहे
तो नदियाँ कहाँ से
बिन पानी भला उसकी क्या पहचान
वैसे तुम औऱ में हूँ
रीति नदियों में
पानी भरने को बेताब बादल
सौतन हवाओं से होता
परेशान
नदी से प्रेम है तो
बरसेगा जरूर
नही बरसेगा तो
नदियां कहाँ से गुनगुनाए
औऱ बादल सौतन हवाओं के
चक्कर मे
फिजूल गर्जन के गीत गाए
जो गरजते क्या वो बरसते नही
यदि प्यार सच्चा हो तो बरसते जरूर।

Written By Sanjay Verma, Posted on 22.07.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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