नाम: रामेश्वर दास भान
शिक्षा: एम.ए सोसोलोजि, बी.एड
शहर: करनाल
शौक: कविता, रचना, ग़ज़ल, इत्यादि लिखना
कलमकार का कहना है-
"शब्दों से खोया रहता हूं आजकल, कुछ करने की चाह में अपने आपको पिरोए रहता हूं आजकल"
कोड | शीर्षक | तिथि |
23SAT07567 | तेरा यों इल्ज़ाम लगाना ठीक नहीं | 25 February 2023 |
23WED07525 | उसकी शोहरत में इजाफा जो होने लगा | 22 February 2023 |
23THU07461 | अब खुद को समझाया जाए | 16 February 2023 |
23SAT07334 | इन्सान हो इन्सान को मरहम लगाना चाहिए | 04 February 2023 |
23TUE07246 | संवारना भी चाहा किस्मत वही रही | 24 January 2023 |
23TUE07241 | तेरे ही साथ रहा अपना जो भी सफ़र रहा | 24 January 2023 |
22SAT06590 | मेरा नाज़ुक सा दिल है | 05 November 2022 |
22MON06452 | मुझको फ़रिश्ता सा वो लगने लगा | 24 October 2022 |
22TUE06100 | विश्व शान्ति की प्रतीक हिंदी | 13 September 2022 |
22SAT06014 | चला आऊं शहर में तेरे | 03 September 2022 |
22FRI05839 | लहराओ तिरंगा प्यारा | 12 August 2022 |
22SUN05810 | साथ निभा दो मेरा | 07 August 2022 |
22TUE05625 | मेरे ख्वाबों को तुम जगा दो | 19 July 2022 |
22SUN05615 | मुसाफ़िर | 17 July 2022 |
22SAT05268 | तड़पन | 11 June 2022 |
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