नाम: प्रफुल्ल सिंह (बेचैन कलम)
शिक्षा: एम ए [साहित्य]
शहर: लखनऊ
शौक: कविता करता हूं.. गाना भी गा लेता हूं
कलमकार का कहना है-
"उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जन्मा, लखनऊ में पला और इसी इलाके से पढ़ा। पहले लिखा मौसम और माहौल पे, फ़िर देशभक्ति खून के उबाल पे, लिखा मैंने प्यार पे, इजहार पे, इंकार पे, इकरार पे। जीता हूं अवध, अच्छा हूं, ख़राब हूं, पर कवि हूं। कविताओं से पेट नहीं भरता.. इस लिए रोजी की आस में, रोटी की तलाश में, रोजी रोटी कितना भी दौड़ाए कविताओं से साथ कभी ना छूटे पाए। पेट भले ना भरे आत्मा तृप्त रहती है.. देखना ये है.. सांसो के साथ शब्दों की सरिता कब तक बहती है।"
कोड | शीर्षक | तिथि |
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21THU01342 | रिश्तों में उलझन या कश्मकश | 18 February 2021 |
20WED00500 | अप्सरा | 14 October 2020 |
Post Hashtag/कोड | शीर्षक | तिथि |
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#21SAT01350 | मेरी नींद को आग लग गई | 26 March 2021 |
#21THU01342 | रिश्तों में उलझन या कश्मकश | 24 March 2021 |
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