नाम: इरफ़ान आब्दी मांटवी (गाजीपुरी)
शिक्षा: मौलवी, कंप्लीट फारसी स्पीकिंग/कामिल parsion/वा आदि
शहर: गाजीपुर
शौक: हालाते हाजरा पर शायरी/शायरी, कैलिग्राफी, क्रिकेट
कलमकार का कहना है-
"शायरी में मेरे उस्ताद मिर्ज़ा ग़ालिब और मुनव्वर राना है मैं १५० से ज़्यादा गज़लें छोटी सी उम्र लिख चुका हू जो हिंदुस्तान के अखबार में प्रकाशित होती रहती है ...
बचपन की याद मेरी एक नज़्म है जो मुझे भी अच्छी लगती है और दूसरो को अच्छी लगी"
कोड | शीर्षक | तिथि |
22THU03907 | अपना शहर- गाजीपुर | 13 January 2022 |
21MON03522 | तुम्हें खुद काम करना है | 29 November 2021 |
20SUN00794 | अज़ीज़ | 06 December 2020 |
20THU00765 | तावीज़ | 03 December 2020 |
20SUN00713 | महरबां बन कर- ग़ज़ल | 22 November 2020 |
हमारे देश के नए रचनाकारों के विचारों को साहित्य की दुनिया में एक विशेष स्थान प्रदान करने में आप जैसे पाठक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
Become Reader+Subscreiber
यदि आप सब्सक्राइब करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें।