हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Thursday, 13 July 2023

  1. जनतन्त्र
  2. चलें आओं कन्हैया
  3. मौसम भी सुहाना है
  4. सत्संग का संग छोड़ दिया
  5. बेरोजगार युवा
  6. मै राधा सी

Read other posts

जनतन्त्र

23TUE07595

Mahavir Uttaranchali
~ महावीर उत्तरांचली

आज की पोस्ट: 13 July 2023

ये दुनिया खेल-तमाशा है
ये ड्रामा अच्छा-खासा है
गूगल सी कोई भाषा है
ये इसरो भी क्या नासा है
ये दुनिया खेल……

ये गोरख धन्धे वो जाने
जो खुद को भी ना पहचाने
बेकार गढ़े हैं अफ़साने
फिरते सब नाहक दीवाने
क्यों दिल में पाले आशा है
सिर्फ़ चहुँ ओर निराशा है
ये दुनिया खेल……

संत बड़े है झांसा राम जी
जैसे लगते झण्डू बाम जी
आते भक्तों के बड़े काम जी
खूब कमाया उसने नाम जी
व्यापार ये अच्छा खासा है
खाने को खील-बताशा है
ये दुनिया खेल……

दाम मिले कुछ भी ना भइया
डॉलर आगे फ़ैल रुपइया
दिन-रात करे ता ता थइया
याद दिला दी सबको मइया
खेल मदारी का झांसा है
सबको जनतन्त्र ने फांसा है
ये दुनिया खेल……

Written By Mahavir Uttaranchali, Posted on 27.02.2023

चलें आओं कन्हैया अब नदियाॅं के पार,
सुन लो सावरियाॅं आज मेरी यह पुकार।
देकर आवाज़ ढूॅंढ रहीं राधे सारे जहान,
इस राधा पर करों कान्हा आप उपकार।।

कहाॅं पर छुपे हो माता यशोदा के लाल,
खोजते-खोजते क्या हो गया मेरा हाल।
आ जाओं तुमको आज राधा में ‌बना दूॅं,
कहा था तुमने अब करदो मुझे निहाल।।

कितनी परीक्षा अब और लोगें बनवारी, 
कहतें है कण-कण में आप बसे मुरारी।
फिर इतना हमें क्यों तड़पाते हो कान्हा,
मैं सुधबुध खो रही नैन थक गई हमारी।।

अब बालगोपाल तड़पाओ नहीं ज्यादा,
तुमने किया जो वादा रहा आज आधा।
अधूरी रहीं मैं अधूरा रहा तुम्हारा वादा,
मुझको बनाओगे कृष्ण और तुम राधा।।

नहीं दिख रहीं तुम्हारी गायें और ग्वालें,
आकर अब मुझको अपना हमें बनालें।
ऐसी करो कृपा की ये झोली भर जाऍं,
मिटा दो अंधियारे और कर दो उजालें।।

Written By Ganpat Lal, Posted on 13.05.2022

रात है चांदनी कुछ
बात हो जाय  
मुलाकात   दिल की
दिल से हो जाय,
गुन्चा गुन्चा चमन का
अब महक जाए
सारे गुलशन में 
आज धूम हो जाय,
बात कहना है जो 
कहो तुम भी,
मेरा दिल मुरली की
तान हो जाय,
अब ऐसे शर्माओ 
तुम हमसे ए जानां,
मेरे चेहरे पर पलकों
की छओं हो जाय,
रात बरसात की और 
मौसम भी सुहाना है,
नशा बढ़ कर क्यों न,
मेरा सुरूर हो जाए,
वो भी चुप हैं,
और मेरी भी जुबां 
बन्द मुश्ताक,
वल्लाह आंखों आँखों 
से ही बात हो जाय।

Written By Mushtaque Ahmad Shah, Posted on 23.03.2023

कुसंग का संग ने छोड़ा,

सत्संग का संग छोड़ दिया,

आज के इस इंसानों ने,

अच्छाई का संग छोड़ दिया,

मात पिता ने जो सिखलाई,

सीख वो अच्छाई की,

आज वो अपने  सुख की खातिर,

राह चला बुराई की,

गुटखा तंबाकू की लत में आकर,

मुख की शोभा भुला दिया,,,, कुसंग

वो क्या सभ्य वो क्या शिक्षित हैं,

जिसके हर अंग में नशा भरा है,

नशे की इस आदत ने सबको,

नशीला बना दिया,,,,,,, कुसंग 

Written By Bharatlal Gautam, Posted on 20.04.2023

युवा बैठे हैं बेरोजगार,
ढूंढते ही रह गए रोजगार
घर में बैठे मां बाप,
लगाए हुए नौकरी की आस।

देहरादुन जाकर कोचिंग लगाई,
फिर भी मेहनत हाथ ना आए।
पैसे देकर बनते रहे लोग कर्मचारी,
हम भरते ही रह गए फॉर्म सरकारी।

कई सालों से कर रहें मेहनत,
पेपर लीक से नही हम सहमत।
घर वाले चाहे खूब करो पढ़ाई,
रिश्तेदार पूछ रहे कब कर रहें हो सगाई।

लड़ रहे अपने हक की लड़ाई बेरोजगार,
सड़को पर उतर रहे जो बारम्बार।
मै लेखिका करती हु उनका सम्मान,
लाठी चार्ज से हो रहा जिनका अपमान।

Written By Neeta Bisht, Posted on 13.07.2023

मै राधा सी

SWARACHIT5065

Pamita Kumari Yadav
~ पामिता कुमारी

आज की पोस्ट: 13 July 2023

कौन हु मै आधा सी
क्यू कृष्ण की लगती राधा सी
स्त्री रूप मे जन्मी मै
जन्म मेरी लगे बाधा सी
प्रगति के पथ पर चल नही पाती
बदनामी है परिभाषा मेरी
सोचु बैठी मै अकेली
कौन हु मै आधा सी।
सम्पूर्णता कैसे हासिल होगी
कैसे पुरी स्त्री की परिभाषा होगी
कैसे जीवन पथ पर चल कर
पूर्ण करु अभिलाषा सभी
अब तु ही बता ए मेरी सखी
कौन हु मै आधा सी
क्यू कृष्ण की लगती राधा सी ।
प्रेम हुआ न पूर्ण हमारा
आधी अधूरी मै राधा सी
मीरा की भक्ति पा न सकी
समाज बन गयी बाधा सी
कौन हु मै आधा सी
क्यू कृष्ण की लगती राधा सी

Written By Pamita Kumari Yadav, Posted on 13.07.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

×

केवल सब्सक्राइबर सदस्यों के लिए


CLOSE

यदि आप सब्सक्राइबर हैं तो ईमेल टाइप कर रचनाएँ पढ़ें। सब्सक्राइब करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें।