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Monday, 03 July 2023

  1. हर बात सीने में दबा लेता हूँ
  2. मकर संक्रांति का पर्व महान
  3. आस्था के फूल
  4. मत बिसराना मीत
  5. रोज़ करों योग रहो निरोग
  6. घर आया एक बिल्ली का बच्चा

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हर बात सीने में दबा लेता हूँ
फटेहाल जिंदगी तुरपाई से छुपा लेता हूँ
 कितना भी बिखरा रहूं मुस्कुरा लेता हूँ

ये अजनबीयों और ना मुरादों का शहर
 टूटे ख्वाबों को आगोश में समेट लेता हूँ

ये रात की खामोशियाँ  गवाह है
हर बात सीने में दबा लेता हूँ।

जिसे देखो वो नकाब ओढ़े बैठा है 
में परिंदो की उड़ान छुपा लेता हूँ।

सर्द रात में वो ठिठुर कर मर गया
उसके गुनाहों को अपने सर लेता हूँ।

ये शहर जागता है रात रात भर
इसकी सोहबत में जाम रात भर लेता हूँ।

जाने कितने गुनाहों का इल्जाम है इस पर
में अपने गुनाहों को अपने सर लेता हूँ।

Written By Kamal Rathore, Posted on 07.01.2022

सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में आते है
दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश कर जाते हैं
मनुष्य में सकारात्मक ऊर्जा का होता है संचार
नकारात्मकता को दूर भगाते हैं

भारतवर्ष में जनवरी में यह पर्व मनाया जाता है
कहीं लोहड़ी तो कहीं पोंगल बन कर आता है
सूर्य देव की करते हैं सभी पूजा
खिचड़ी व तिल और गुड़ का दान किया जाता है

बच्चे घर घर जाकर लोहड़ी के गीत गाते हैं
सती,दुल्ला और भट्टी याद किये जाते है
घर के आंगन में अंगीठा जलाया जाता है
जिसमें मूंगफली,रेवड़ियां,तिल गुड़ चढ़ाए जाते हैं

विष्णु भगवान के अंगूठे से निकली थी गंगा
भगीरथ के पीछे चलकर सागर में मिली थी
यशोदा ने श्रीकृष्ण के लिए किया था उपवास
महाराज सागर के पुत्रों को मुक्ति मिली थी

मान्यता है जो मकर संक्रांति को करते हैं 
सूर्य पूजन, खिचड़ी, तिल और गुड का दान
प्रसन्न हो जाते हैं सूर्य देव उनसे
देते हैं उनको मनचाहा वरदान


मकर संक्रांति को सूर्योदय से पहले उठकर
जो करते हैं सूर्य की पूजा और स्नान
दान करके मिलती है कष्टों से मुक्ति
फल मिलता है जैसे किये हों दस हज़ार गौदान

Written By Ravinder Kumar Sharma, Posted on 29.01.2022

आस्था के फूलों को
सींचा जा रहा है
लहू से
रक्षण के नाम पर 
हो रहा है भक्षण
क्षरण होती जा रही है 
``आदमियत``
खो रही हैं संवेदनाएं 
खो रहा है आपसी प्रेम भी 
धीरे-धीरे बढ़ रहा है आदमी 
शीतल युद्ध की ओर 
याद रहे कि, 
नफरत के मद में चूर 
होकर नहीं जीता जा सका 
किसी ही तथाकथित जाति, धर्म 
या फिर आदमी को...

Written By Manoj Kumar, Posted on 13.04.2022

मत बिसराना मीत

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Rupendra Gour
~ रूपेन्द्र गौर

आज की पोस्ट: 03 July 2023

सबके ही सहयोग से, बजे सुखद संगीत।
मात पिता भाई बहन, मत बिसराना मीत।।

प्राणों के बदले हमें, दे जाते नित जीत।
वीर सपूतों को कभी, मत बिसराना मीत।।

वर्तमान हीरा हुआ, बीता स्वर्ण अतीत।
ईंटों को उन नींव की, मत बिसराना मीत।।

मावा छाछ पनीर घी, दूध दही नवनीत।
उस अनबोली गाय को, मत बिसराना मीत।।

तौर तरीके सादगी, और सिखायी रीत।
गुरुओं को अपने कभी, मत बिसराना मीत।।

सहे आपके वास्ते, गर्मी बारिश शीत।
माॅं को अपनी तुम कभी, मत बिसराना मीत।।

होता जिसके नाम से, दुश्मन भी भयभीत।
जांबाजों को देश के, मत बिसराना मीत।।

जो करता हो आपसे, हरपल निश्छल प्रीत।
ऐसे प्रेमी, यार को, मत बिसराना मीत।।

जिसके दम से जिंदगी, गाती हरदम गीत।
उन सब महानुभाव को, मत बिसराना मीत।।

Written By Rupendra Gour, Posted on 09.05.2022

रोज करो सब अपनें लिऐ योग,
स्वास्थ्य रहेंगा  उसी का निरोग।
मिट जाएंगे उसके बड़े-बड़े रोग,
नहीं हुआ तो  आयेगा नहीं रोग।।

देश- विदेश में सभी करतें योग,
अंतरराष्ट्रीय दिवस  है इस रोज।
21 जून को मनातें इसे हर वर्ष, 
मिलकर योग करतें है सब फर्स।।

अपने- अपने सब आसन लाते,
खुलें ग्राउण्ड में  आसन लगातें।
उचित दूरी इसमे रखतें है लोग,
शरीर को गर्म करतें पहले लोग।।

सर्वप्रथम सूर्यदेव को नमस्कार, 
जिससे उर्जा मिलता है भरमार।
बुड्ढें एवं बच्चें औरत या जवान,
फायदा मिलता सब को समान।।

शाम सवेंरे रोजाना योग करना,
जितना होता उतना सब करना।
खान पान का रखना सब ध्यान, 
साफ सफाई भी इसका उपचार।।

बाहर या खुली जगहों में करना, 
अनुलोम विलोम तो रोज करना।
अन्दरूनी शक्ति  बढ़ाता है योग,
कहतें बड़े-बड़े योग गुरु अनेंक।।

फौज, पुलिस अधिकारी जवान,
या फिर वह हो गाॅंव का किसान।
मैं उदय इसका  करता अभ्यास, 
सरकारी आदेश आया ये ख़ास।।

Written By Ganpat Lal, Posted on 13.05.2022

हमारे घर आया एक बिल्ली का बच्चा,
देखने में है वो बिलकुल सच्चा,
पर है वो बहुत शरारती,
दिन भर करता रहता खूब मस्ती..।

बच्चों के संग वो खेलता ,
थक कर फिर सो जाता,
उठ कर फिर दूध है पीता,
उछल-कूद वो पूरी है करता..।

बच्चों के मन को वो है भाता,
पास बुलाओ तो झट से गोद में आता,
मन उसका नहीं है लगता,
अगर वो अपने आप को अकेला है पाता,
वो हमारे घर से कहीं नहीं अब जाता..।

हमारे घर आया एक बिल्ली का बच्चा,
देखने में है वो बिलकुल सच्चा..।

Written By Aditi Goyal, Posted on 03.07.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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