हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Thursday, 22 June 2023

  1. हां मैं लड़की हूं 
  2. मां मैं थक गया हूं
  3. दर्द ज़ख्म से छुपाया जा रहा है
  4. चुनाव आ रहा है
  5. प्यार और जुदाई एक अहसास

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नवीन दिशा में क्यों चल रही हो?

तुम लड़की हो!

इतना पढ़- लिख कर क्या करोगी?

तुम लड़की हो!

लड़को से आगे कैसे बढ़ सकती हो?

तुम लड़की हो!

 

हां मैं लड़की हूं।

ज्ञान अर्पित किया मैंने

संघर्षों को मात दिया मैंने

मर्यादा की रक्षा कर

अपने लिए जिया मैंने!

 

कभी नहीं किया छल किसी से

हमेशा आदर किया सभी का!

घर से लेकर बाहर तक

सदैव सम्मान किया सभी का!

 

भरोसा दिलाया है 

अपने आप पर पिता को!

हर काम किया 

सहमति लेकर माता से!

 

कभी उल्लंघन नहीं किया 

जीवन रेखा को!

आज तुम कहते हो 

प्रसिद्ध कैसे हो रही हो,

तुम लड़की हो!

 

हां मैं लड़की हूं!

अपने पिता की शान हूं

अपने घर की मान हूं

मैं एक लड़की हूं

खुद की एक पहचान हूं! 

हां मैं एक लड़की हूं!

Written By Mili Kumari, Posted on 15.05.2023

मेरा बचपन अपना रहा

खेलने की उम्र में कक्षाएं लगाई जा रही 

मेरी नहीं है कोई दोस्त भी

क्योंकि समय नहीं है मेरे पास

 कभी स्कूल, कभी डांस क्लास जाओ 

कभी ट्यूशन फिर कंप्यूटर कक्षा लगा रखी 

हर तरफ मुझ पर पाबंदी लगा दी मां 

बता बचपन फिर से लौट आएगा क्या 

छोटे-छोटे कंधों पर भारी बैग थमा दिया

 जिम्मेदारी इतनी डाली मैं थक गया मैं

 घर आकर करूं मस्ती संग मैं तेरे 

स्कूल में ही खत्म हो जाए सब काम मेरे

मां बस करो ऐसा कोई काम अब

 पापा से भी मिलना है दिखे नहीं कब से मुझे

जाने दो मुझे नानी के घर अब तो

एक वर्ष से तड़प रहा देखने को उन्हें 

मुझे भी छुट्टी दे दे कुछ दिनों की अब 

मेरा भी कर दो काम कब तुम अब

Written By Seema Ranga, Posted on 06.06.2023

दर्द ज़ख्म से छुपाया जा रहा है,
ग़म को हल्के में उड़ाया जा रहा है।

सच मर चुका कबका जबां पे बैठा,
झूठ का जन्मदिन मनाया जा रहा है।

ज़ुल्म के शिकंजे में गरीब मर चुका,
अमीरों को अमर बताया जा रहा है।

सब रस्ते बिक चुके धर्म ईमान के,
इनपे क्यूं खामखां जाया जा रहा है।

हर नाटक में अभिनय एक सा ही है,
मंदारी को शहंशाह बनाया जा रहा है।

चोर चुरा ले गए सब कुछ मिरे घर से,
`बाग़ी` को कसूरवार दिखाया जा रहा है।

Written By Ajay Poonia, Posted on 05.06.2023

चुनाव आ रहा है

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Rashmi Pandey
~ रश्मि पांडेय

आज की पोस्ट: 22 June 2023

चुनाव आ रहा है 

मौसम बदल रहा है

रेल की पटरियों पर

सियासत का रंग चढ़ रहा है

चुनाव आ रहा है

 

बरसों से सींचकर 

जनता के खून को

जनता पर ही अब 

बौछार हो रहा है

चुनाव आ रहा है

 

चौबीस घंटे बिजली 

बहाल हो रहा है

जनता का अब

ख़याल हो रहा है

अपना काम निकालने का

इंतज़ाम हो रहा है

चुनाव आ रहा है

 

बड़े बड़े वायदे हो रहे हैं

किसानों का क़र्ज़ 

माफ़ हो रहा है

ऐसा लग रहा है मानो

जनता पर इन्साफ हो रहा है

चुनाव आ रहा है

 

वोटबैंक बनाने का जुगाड़ हो रहा है

जनता की भावनाओं से

खिलवाड़ हो रहा है

चुनाव आ रहा है

 

अपना काम गिनाया जा रहा है

विपक्ष पर आरोप लगाया जा रहा है

खुद को सर्वश्रेष्ठ बताया जा रहा है

चुनाव आ रहा है

Written By Rashmi Pandey, Posted on 07.06.2023

समझ में आने से पूर्व ही कुछ अचानक से हो गया,
वीरान सी जिंदगी में कोई आशा की प्रकाश सी बनकर आयी,
फिर नैनो के संवाद हुई फिर दो दिलो की सफर की शुरुआत हुई,
फिर लबो ने अचानक से दिल के बातों को बयां की,
इजहार हुआ, मुलाकात हुआ
और सर्द दिनों में हलकी सी धुप का अहसास के साथ
एक प्यारा सा सफर का आगाज हुआ,
चांदनी रातों में चाँद बनकर वो नजर आने लगी
फिर रूठने मनाने का शिलशिला हुआ,
फिर अचानक से दोनों में कुछ तकरार हुआ
फिर प्यारा सा रिश्तों में कुछ दरार हुआ,
लगा ऐसा एक बनी बनाई आशियानो का चकनाचूर हुआ
क्षणभर में बदल जाये मौसम जैसे कुछ अहसाह हुआ
जो कभी हमारे बिन
जल बिन मछली सी तड़पती थी
अचानक से उन्हें घनी बारिश का अहसास हुआ,
उम्मीद से ज्यादा यक़ीन था जिसपर
उसने ही बेगानेपन से परिचित किया,
सुनने में आया था कभी ढूंढ रहा वो कोई दूसरा घोशला
यकीन ना कर पाये हम शायद हमारा यकीन जिन्दा था तब तक,
फिर एक दिन सुनने में आया
अब वो किसी और को छलनी से देखने की ओर जा रही है,
खुदा से गुजारिश ताउम्र खुश रखे उसे
जो कभी उम्रभर हमारी होके रहने की कसमे खाती थी,
पीड़ा तब हुआ मुझे जब गैरो से
उनकी शादी की खबर मिली
ऐसी भी क्या नाराजगी थी जिसे भुलाया ना गया,
सोचा एक आखिरी बार बात करूँ
उनसे और पूँछ लू उनकी सारी नाराजगी
एक आखिरी बार रो लू उनके साथ
फिर अचानक स्मरण हुआ
डुमर कही वो इंकार ना कर दे
कहीं ना कह दे वास्ता नहीं रहा अब हमसे उनका
कोई बददुआ ना निकले उनके लिए
यही सोचकर दबा लिया हमने भी सारी आखिरी अरमान,
खुदा उनको ताउम्र ख़ुशी की आला मुकाम फरमाये
हमारा क्या हम तो कल भी तनहा थे आज भी तन्हा रह लेंगे।

Written By Dumar Kumar Singh, Posted on 22.06.2023

Disclaimer

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