हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Monday, 22 May 2023

  1. पहली किरण
  2. विश्रांति
  3. कोरोना
  4. इच्छाओं
  5. ईद आने को है

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पहली किरण

21TUE03474

Kamal Rathore
~ कमल राठौर 'साहिल'

आज की पोस्ट: 22 May 2023

सुबह की पहली किरण के साथ ही
दाने - पानी के लिए परिंदे 
अपना घोंसला छोड़ देते है।

इंसान भी अपने सपनो को
पोटली में बांधकर 
पहली भोर के साथ निकल जाता है
ताकि इस धधकती जठराग्नि को
आहुति दे सके।

Written By Kamal Rathore, Posted on 21.11.2021

विश्रांति

22TUE04517

Manoj Kumar
~ डॉ. मनोज कुमार "मन"

आज की पोस्ट: 22 May 2023

दुनिया की इस भूल-भुलैया में 
सच में वो एक पहेली-सी ही है
अठारह बसन्तों तक वो 
खूब बढ़ी और खेली है 
जीवन की इस अल्पावधि में
कामनाओं की बड़ी कतार में
पूरी हो रही है जब मेरी यात्रा
स्मृतियों में झूल रहा ये मन है
नदी बीच झूलती नाव 
चली अब घर की ओर है
चंचल चित्त शिशु मन में 
सवालों की बड़ी उलझन है
बैलों सरीखा श्रम साधक भविष्यवेत्ता मन
अब विश्रांति में चला जाना चाहता है मन

Written By Manoj Kumar, Posted on 20.03.2022

कोरोना

23WED07521

Mahavir Uttaranchali
~ महावीर उत्तरांचली

आज की पोस्ट: 22 May 2023

कोरोना के ख़ौफ़ से, जीव-जन्तु भयभीत
चीन की खुराफ़ात से, उत्पन्न मृत्यु गीत
उत्पन्न मृत्यु गीत, कौन उसको समझाये
उसके नए प्रयोग, विश्व पे विपदा लाये
महावीर कविराय, मृत्यु का क्या अब रोना
कुदरत से खिलवाड़, वायरस है कोरोना

कोरोना सीखा दिया, विश्व को नमस्कार
अनचाहे ही घुल गए, भारतीय संस्कार
भारतीय संस्कार, बन रहे शाकाहारी
एक दिन बिना मांस, रहे ना जो नर-नारी
महावीर कविराय, महामारी फिर हो ना
करो शवों का दाह, जले उसमें कोरोना

कोरोना के तेज़ से, बचा न कोई शख़्स
हर किसी के दिमाग़ में, कोरोना का अक्स
कोरोना का अक्स, जगत में सर्वत्र छाया
यह चीनी षड्यंत्र, काट कोई ना पाया
महावीर कविराय, रोज़ का है अब रोना
रोग बड़ा विकराल, नाम जिसका कोरोना

Written By Mahavir Uttaranchali, Posted on 22.02.2023

इच्छाओं

23SUN07771

Seema Ranga
~ सीमा रंगा इन्द्रा

आज की पोस्ट: 22 May 2023

जो तुम अपनी इच्छाओं को

मारते हो ना

जिनके लिए

वही एक दिन कहते हैं

हमने नहीं कहा था

और हमसे पूछा था

इसलिए जो पल है

जी है जीवन में

उन्ही को जी लो

वक्त का कोई

भरोसा नहीं

Written By Seema Ranga, Posted on 19.03.2023

ईद आने को है

23MON08027

Mili Kumari
~ मिली कुमारी

आज की पोस्ट: 22 May 2023

माहे रमज़ान ख़त्म होने को है

खुशियों की सौगात लिए ईद आने को है!

गरीबों के घर से भी मिठी सेवइयों की खुशबू आए

बस इतना सा ख़ाब दिल में उतर जाने को है!

 

चांद रात में मेंहदी की खुशबू से

हवाएं महक जाने को है!

सबके चेहरे की खुशी से

इलाकों में रौनक आने को है!

 

नफ़रत के चिंगारियों पर

मुस्बत-फ़िक्र की पानी फिरने को है!

मोहब्बत ही मोहब्बत चारों तरफ़

फिज़ाओं में फैल जाने को है!

 

नियत साफ़ कर, गले मिलकर 

सभी गिले- सिखवे दूर करने को है!

फिर से भाईचारे की मिशाल को 

एक नए मुकाम तक पहुंचाने को है!

 

दुनियां में फैली हुई हिंसा पर

अब शुकून की चादर बिछने को है!

उपर वाले के रहमों करम से

खुशियों की सौगात लिए ईद आने को है!

Written By Mili Kumari, Posted on 17.04.2023

Disclaimer

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