हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Friday, 19 May 2023

  1. लापरवाह नहीं हूं मैं
  2. हमारा खूबसूरत सा प्रेम
  3. जिम्मेदारियां
  4. जल होगा तो कल होगा
  5. वक्त

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वो रुलाता रहा 
मैं हंसती रही
हंसी के पीछे आंसू 
छुपाती रही 
उन्होंने समझा 
बेपरवाह हूं पर मैं
 घर -बच्चों को देखती रही
  सपने तो संजोए थे
 पर पहले जिम्मेदारियां
 निभा रही थी
 जीवन जो छुटा था पीछे
 बस उसे ही धक्का 
देने में लगी थी
 जब लगाया जोर पूरा
रेस में शामिल मैं हो गई
 फिर जिंदगी के इम्तिहान में
प्रथम भी आ गई 
अब ना कहना लापरवाह हूं 

Written By Seema Ranga, Posted on 19.03.2023

न केवल ये दिल बल्कि...

हमारी ये धड़कन भी हमारे वश में कहां ही होती हैं....

शायद इसीलिए तो, ये दिल 

कब फिदा हुआ आप पर,

 हमें पता ही न चला....

 

अब इतने गौर से भी मत पढ़िए... 

क्या सोच रहे हैं आप...? 

हां,आप ढूंढ रहे हैं न हमारी कविता में अपने आप को, है ना...?

हां पता है,आपकी ये नज़रें

आज उसी तरह खुद को,

हमारी कविता में झांक कर देख रही है

जैसे आपने हमें हमारी पहली मुलाकात में निहारा था.... 

हां,आपका वो अंदाज़ भी 

हमारे जहन में अब तक बरकरार है...।

 अरे! आप अब मुस्कुरा क्यों रहे हैं...?

 हां, हमने कुछ गलत तो नहीं कहा न, 

क्योंकि हम पढ़ सकते हैं आपकी नजरों को....

और पढ़ा भी है हमनें, 

कहीं हम में खुदको टटोलती हुई वो नज़रें...!

 अरे, अरे! अब इतना क्यों मुस्कुरा रहें हैं...? 

हां वैसे आप मुस्कुराते हुए बड़े ही प्यारे लगते हैं।

आपका अपनी गर्दन झुकाकर हर सुनी बात को 

अनसुना सा कर यूं नज़रें चुराना... ! 

कैसे न हमारा ये दिल अटक जाए,

आपके इस खूबसूरत अंदाज़ पर...!

और आपके कपोलों पर हंसते वक्त पड़े ये डिंपल तो उफ़्फ़...! 

कैसे न हम फिदा हो जाए आप पर...।

वैसे... हमनें तो भी कभी, आपकी ही तरह 

अपने प्रेम का इज़हार तो नहीं किया... 

मगर यकीनन, हम आपके उन एहसासों को

 बखूबी महसूस कर सकते हैं...!

 

पता नहीं,आपसे कभी सारी बातें कह पायेंगे या नही

या चाहे ही हम अपने इज़हार ए प्रेम पर भी

मुकर ही क्यों न जाएं एक वक्त... 

मगर,एक बात हमारे दिल की आप हमेशा अपने दिल में समाए रखेंगे, कि.....

 ``शायद कभी न कह पाएं हम आपसे, कहे बिना ही समझ लेंगे आप शायद...!``

Written By Suhani Rai, Posted on 08.02.2023

जिम्मेदारियां

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Mili Kumari
~ मिली कुमारी

आज की पोस्ट: 19 May 2023

ढल चुकी है नारी 

समाज के एक मैले सांचे में!

 

जहां एक सभ्य स्त्री की पहचान

होती है चूल्हा और चौके में!

 

बहुओं के सपनों को पुरा न कर 

कुचल देते है एक पल में!

 

क्या करोगी पढ़- लिख कर

पालना तो बच्चे ही है जीवन में !

 

सौ सपनों के साथ आई थी जो इस घर में

खो गए सब सपने सौ जिम्मेदारियों में!

 

सिमट गई ज़िंदगी चार दिवारी में

घर, संसार ही सबकुछ बन गया,

रह गए अधूरे सारे सपने 

उन चंद कागज़ के टुकड़ों में!

 

घर से बाहर जो स्त्री रखती है कदम

सौ ताने सुनकर करती है जीवन- यापन!

 

उनको भी थोड़ा जीने दो

अपने सपनों के उड़ान भरने दो!

 

सबकी तरह जीवन उसकी भी है

जिम्मेदारियों को साथ लेकर

उसे भी अपने लिए कुछ करने दो!

 

Written By Mili Kumari, Posted on 05.04.2023

सृष्टि का सरस सृजन होगा,

प्राणों में अथक स्पंदन होगा।

सांझ ढलेगी सुखद स्वर्णिम,

खुशियां सिंचित पल-पल होगा।

जल होगा तो कल होगा....!!

शाख-शाख किशल खिलेगी,

पांख-पांख तितलियां छुएगी।

मदहोश मधुप गाएंगे गीत,

धरती असंख्य अंकुर जनेगी।

चांदनी नहाया दूबदल होगा....!!

हस-हस सारिणी सिंधु मिलेंगे,

निर्मल निर्झर अविचल वहेंगे।

पुलकित उर पोखर-खाई का,

केकी पिंक पपीहा हर्षएंगे।।

नव यौवना-सा बादल होगा ....!!

जन-मन स्निग्ध जोहार करेंगे,

कण-कण सौहार्द सखीत्व झरेंगे।

होगी खिलती-मचलती दुनिया,

हर देहरी-ओ-घर द्वार सरसेंगे।।

हर विद्रूपता का हल होगा......!!

रोकें बहता बूंद-बूंद वारि,

चलाएं नही अब संक्षयी आरी।

चेत सको तो चेत लो ``गोविमी``,

धधक उठे ना नर-फुलवारी।।

जमी-आस्मां  विकल  होगा ,

जल  होगा  तो  कल  होगा 

Written By Govind Sarawat Meena, Posted on 22.03.2023

वक्त

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Shivang Mishra
~ शिवांग मिश्रा "राजू"

आज की पोस्ट: 19 May 2023

वक्त के हाथ मे है तुम्हारे करम।
करो जल्दी नही तो निकल जायेगा ॥

सोचो और बिचारो न ज्यादा तुम।
नही तो हाथ मलता ही रह जायेगा ॥

कर्म करते हुये नित प्रगति पर रहो।
नही तो बस निकम्मा ही कहलायेगा ॥

कर्म क्षेत्र बहुत बङा है गगन सा।
कर्म से ध्रुव सितारा तू बन जायेगा ॥

राजू ने ज्ञानियो से यही है सुना।
कर्म करके ही जग मे तू रह पायेगा ॥

Written By Shivang Mishra, Posted on 20.03.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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