हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Tuesday, 16 May 2023

  1. एक खत रखा है
  2. थोड़ी धूप
  3. शंकर
  4. गौरैया
  5. मतलबी है बहुत दुनिया
  6. मूर्ति का अपमान

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मुद्दतें गुजरीं एक लम्हा नहीं गुजरा,
चला गया वो रेत पर घरोंदेबनाकर, 

वो बिछड़ा तो मैं किसी दर का न रहा,
चला गया मुझे ख्वाब झूठे दिखा कर,

पतझड़  की तरह बना देते हैं मौसम,
चले जाते हैं यह दरखतों को हिला कर,

दर्द की शिद्दत में छिपी होती है मुहब्बत,
दिल धड़कता रहता है उनकी अदा पर,

तुम कहीं भी रहो निगाहों में ही रहोगे,
हम  कैसे  जियें बोलो तुम को भुला कर,

खुशबू जैसे लोग कहां मिलते हैं मुश्ताक,
एक खत रखा है मैंने किताबों में छुपा कर,

 

Written By Mushtaque Ahmad Shah, Posted on 18.01.2023

थोड़ी धूप

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Suhani Rai
~ सुहानी राय

आज की पोस्ट: 16 May 2023

नयन तेरे घने निधि-वन से,

भटकूँ पथिक बन मैं जैसे।

पट बन्द हैं तेरे हृदय के ऐसे,

स्पंदन से द्वार सजा हो जैसे।

केश घने काले अंधेरों से ऐसे,

छुप जाऊं मैं रात के जैसे।

शर्माएं सुबह भी देख यूं तुझसे,

घूंघट से थोड़ी धूप निकली हो जैसे।

Written By Suhani Rai, Posted on 06.02.2023

शंकर

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Seema Ranga
~ सीमा रंगा इन्द्रा

आज की पोस्ट: 16 May 2023

शिव शंभू हितकारी महादेव 

जटाओं में समा गंगा गले में रख नाग।

 

चले विषधारी हरने कष्ट जगत के 

अनोखी छवि देखते सभी इनकी।

 

ना रह पाता अछूता आराधना से इनकी 

नाम भोले भंडारी पल में जाते मान।

 

 सावन में बजते ढोल बजाते शंख

पूजन करते शिवलिंग पर नर -नार।

 

ओंकारेश्वर कष्टनिवारक विषधारी हटते कष्ट 

देख ना पाते तड़प लालायित रहते करने मदद।

 

देखो जरा,लगा भस्म बाबा नंगे पांव 

आए हरने कष्ट भक्तों के, संग पार्वती मैया।

 

 विष अपना,रख सर्प,लगा भस्म

उठा डमरू,ले त्रिशूल निकल पड़े नागेश्वर।

Written By Seema Ranga, Posted on 19.03.2023

चिड़िया बैठी डाल पर मन में करें विचार,
मानव ने कर डाला जीवन का बंटाधार।
पेड़ काट कर कर दिया कंक्रीट का जंजाल,
अब तो जीना हो गया बिलकुल ही मुहाल।
पेड़ बचे नहीं जंगल आश्रय कहां से पाऊ,
अब पानी मिलता नहीं  तो जी नहीं पाऊं।
हे दुनिया के मानवों कुछ तो करो विचार,
गौरैया कैसे बचें तुम करो उचित उपचार।।

Written By Kanhaiyalal Gupta, Posted on 20.03.2023

जिसको देखो वही खुद मे सरदार है यारों।
मतलबी है बहुत दुनिया बहुत गद्दार है यारों ॥

गर मतलब है तेरा उनको तो सर आँखो चढायेगे।
वरना तुम्हे बदनाम कर देगे सरे बाजार है यारों ॥

कोई गरीबो की नही सुनता सब उनसे नफरत करते है।
है जिनके पास धन दौलत वही सरकार है यारों ॥

हो जितना झूठ फरेब मक्कारी वही अब सत्य दुनिया मे।
जो चले इन राहो पर वो सच्चा इन्सान है यारों ॥

गर करो तुम चापलूसी तो हो बहुत अच्छे इन्सान।
नही तो तुम भी राजू की तरह बेकार हो यारों ॥

Written By Shivang Mishra, Posted on 20.03.2023

मूर्ति का अपमान

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Suraj Mahato
~ सूरज महतो

आज की पोस्ट: 16 May 2023

हम हिंदू लोग हर साल बहुत सारे देवी देवताओं की पूजा करते है। उनकी मूर्ति लाते है और बड़े धूम धाम से उनकी पूजा आराधना करते है। पर जब उनकी विसर्जन का समय आता है तब कुछ लोग(यहां सभी लोगो को नही कहा गया है) बड़े प्यार से उन मूर्तियों को गाड़ी में उठाते तो है, पर उन लोगो के अंदर देवी देवताओं के बिदाई का कोई गम ही होता। यह हमे तब देखने को मिला जब हम बिसर्जन के समय कुछ लोगो को भक्ति संगीत के साथ झूमने के वजाय, गंदे गंदे गाने लगाकर उस गाने पर डांस करते देखा उन लोगो के अंदर देव देवियों के विसर्जन का कोई गम नही था। यह देखकर बहुत बुरा लगा ऐसा लगा की आजकल कुछ लोग माता की पूजा अपने अंतर्मन से नही बल्कि अपनी मस्ती के लिए करते है। माता की पूजा करने का बस दिखावा करते है। उन लोगो को देखकर ऐसा लगा की उन लोगो के मन में देवी देवताओं के प्रति न ही कोई प्रेम था और न ही माँता के प्रति भक्ति था। वह दृश्य बहुत ही दुखदायक था।

हमारे मित्र ओमप्रकाश चौहान जी लिखते है की "लोग कहते है की आजकल की लड़के लड़कियां भगवान पर विश्वास नहीं करते. क्यों करे ऐसा देखने के बाद भगवान का, आज भगवान के ऊपर बहुत अपमानजनक सिनेमा तथा गाना गाया जा रहा है, विश्व मे किसी अन्य धर्म के भगवान का इतना अपमान नही होता हैं जितना हमारे हिंदू धर्म में किया जाता है। ये सब भगवान का अपमान है, .... इसलिए हम हाथ जोड़कर निवेदन करते है उन लोगो से जोकि ऐसी हरकते करते है, कृपया करके अपनी धर्म और संस्कृति को बदनाम ना होने दे.

Written By Suraj Mahato, Posted on 16.05.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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