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Friday, 15 September 2023

  1. हे माँ जानकी
  2. उसे जाने दें
  3. भविष्यफल
  4. रश्क होने लगा है
  5. झूठी आश से इंकार बेहत्तर
  6. दिल को पाना अलग बात है
  7. तुम कौन प्रिये
  8. अकेले ही चलना होगा
  9. प्राकृतिक सौंदर्य
  10. हसीं ख़्वाब

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हे मातेश्वरी जानकी जी
तुम प्रभु राम के साथ में बैठी हो.
चरणों में प्यारे हनुमत है
सिर उनके हाथ कर बैठी हो

जो दशरथ नंदन कहलाते हैं
दुनिया की वो ही पालक है.
चरणों में आया दीन तेरे
वह `राजू` भी तेरा बालक है.

मुनियों की सेवा करते करते
तुम उनके कष्ट निवारी हो.
अब कृपा करो बालक पर भी
तुम प्रेम सभी पर वारी हो.

हनुमत से कह दो दे दें ज्ञान
यह बालक बहुत नादान है मां.
तुम भक्तवत्सल कहलाती हो
थोड़ा भक्ति का दे दो ज्ञान हे मां.

Written By Shivang Mishra, Posted on 11.04.2023

उसे जाने दें

23THU08609

Ajay Poonia
~ अजेय पूनिया (बाग़ी)

आज की पोस्ट: 15 September 2023

जो बोझ लगे,बेबात भाव खुद के बढ़ा लें, 
बाग़ी दिल की खिड़की खोल उसे जाने दें।

ये ज़िन्दगी की सांस चंद बची गिनती की,
हवा संग मत बह,खुद ठहर  उसे जाने दें।

कोई महल मकान स्थाई नहीं इस जग में,
जी भर ज़ी यहां,जिस्म राख है उसे जाने दें।

कौन सगा कौन पराया का वहम छोड़ पगले,
जो आये आने दे ओर जो जाये उसे जाने दें।

कौन पढ़ पाया अधुरे इश्क़ कि पूरी किताब,
``बाग़ी``जो जज़्बात तिरे न समझे उसे जाने दें।

Written By Ajay Poonia, Posted on 12.07.2023

भविष्यफल

23SAT08660

Sunil Kumar
~ सुनील कुमार संदल

आज की पोस्ट: 15 September 2023

कोई न जाने क्या होगा कल 
फिर कैसा ये भविष्यफल।

सब शंकाओं का एक ही हल
जैसी करनी वैसा फल
कोई न जाने क्या होगा कल।

सुख-दु:ख उपजे निज कर्म 
बस इतनी बात समझ लें हम
कोई न जाने क्या होगा कल।

सदकर्म करें जीवन हो सफल 
कष्ट किसी को कभी न दें हम 
सुखद जीवन का यही है मंत्र 
कोई न जाने क्या होगा कल।

मन में न पालें कोई भ्रम
भाग्य से बढ़कर होता है कर्म
सोच-समझ कर बढ़ाएं कदम
सुंदर होगा आज और कल।

Written By Sunil Kumar, Posted on 21.07.2023

कुछ फ़नकार के लियाक़त पे रश्क होने लगा है 

तस्वीर में उभरी किताबत पे रश्क होने लगा है 

 

तुम ये सोचो आख़िर किस मुकाम पे जा चुका हूं 

मुझे कफ़न मुर्दों के रि`आयत पे रश्क होने लगा है 

 

नफ़रत, गुस्सा मलाल बातिल सब पीछे रह गया

अब फ़क़त रास्त ए ज़ियारत पे रश्क होने लगा है 

 

कहाँ मिलेंगे वैसे कहानिकार जो क़ज़ा लिख रहे

यार मुझको ऐसी ऐसी रवायत पे रश्क होने लगा है 

 

यानी उसका चेहरा दिखने लगा हर तस्वीर में कुनु

यानी आख़िर में रंज ए क़दामत पे रश्क होने लगा है 

Written By Kunal Kanth, Posted on 24.07.2023

भा जाते है सबको वो
हिला बहाना से तो अच्छा।

जो लब खोले और कर दे इंकार
कमबख्त कब तक लगाये आश रहे हम।

अकारण ही बादल घिरे है व्योम में
उल्लास जगाकर मन में बरसना नहीं जब
तप्ती वो मौसम वो रवि का चमकना
बिना कोई आशा के
खुद को ढालना अनुरूप मौसम के
यथोचित है धुंधला सा आश से।

करना और सुनना भी होता है मुश्किल
लगता जैसे एक झटके मे टूट के कुछ बिखरा हो
गर संभव ना हो तो कर ही दो इंकार
भले दिखेंगे कुछ धब्बे टूटे काँच में
पर हर टुकड़े फिर भी जुड़े रहेंगे।

भूलो नहीं आप इसको की
​​​​​​एक दरवाजा गर  बन्द हो जाये
दूजा दरवाजा ईश्वर निश्चित खोल देता है
अगर न कर पाओ पूरा  तो कर दो इंकार
जूठी आश से हमेशा ही बेहत्तर हैं इंकार।।

Written By Dumar Kumar Singh, Posted on 24.08.2023

दिल लगाना अलग बात है, दिल को पाना अलग बात है
प्यार करना तो आसान है, पर निभाना अलग बात है

चाँद का मैं तलबगार हूँ, मुझको तारों की चाहत नहीं
झिलमिलाना अलग बात है,जगमगाना अलग बात है

कितने मिलकर जुदा हो गए,दूर हो कर भी कुछ मिल गए
पा के खोना अलग बात है, खो के पाना अलग बात है

याद गर मैं नहीं हूँ तुम्हे, तुम भी फिर याद आते हो क्यों
याद करना तो मुश्किल न था, भूल जाना अलग बात है

दर्द आँखों से बहता रहे, हंस के हर गम को सहता रहे
सबसे कहना अलग बात है, गम छुपाना अलग बात है

उसने मुड़कर भी देखा नहीं,जैसे पहचानता ही नहीं
दूर रहना अलग बात है, दूर जाना अलग बात है

बा वफ़ा, बे वफ़ा में सनम, फर्क बस इक हुरूफ का है पर
दिल में आना अलग बात है, दिल से जाना अलग बात है

दर्द साहिल जो है इश्क़ का, कम ना होगा किसी तौर भी
रोते रहना अलग बात है, मुस्कुराना अलग बात है

Written By Wajid Husain, Posted on 15.09.2023

तुम कौन प्रिये

SWARACHIT6117

Pamita Kumari Yadav
~ पामिता कुमारी

आज की पोस्ट: 15 September 2023

बोलो न तुम क्यू चुप से हो,क्यू रूठें रूठें गुम से हो
क्या दुखता है दिल ये तेरा किसके ख्यालो मे हो मौन प्रिये
तुम कौन प्रिये तुम कौन प्रिये
तुम न तो मेरे हमदम हो ,न तुम हो हमराही मेरे
फिर भी लगते अपने से बोलो न क्यू हो मौन प्रिये
तुम कौन प्रिये तुम कौन प्रिये
क्यू गुमसुम गुमसुम रहते हो क्या बात है जो न कहते हो
कभी बात जुबा तक आयी नही हर वक़्त हो रहते मौन प्रिये
तुम कौन प्रिये तुम कौन प्रिये
परछाई सी संग रहते हो फिरते रहते हो ख्यालो मे
मै पागल पागल फिरती हु तुम झलक दिखा गुम जाते हो
क्यू कुछ नही कहते मुझसे तुम किस के लिए हो मौन प्रिये
तुम कौन प्रिये तुम कौन प्रिये

Written By Pamita Kumari Yadav, Posted on 15.09.2023

अकेले ही चलना होगा

SWARACHIT6118

Sapana Mishra
~ सपना मिश्रा

आज की पोस्ट: 15 September 2023

जीवन के इस पथ पर ओ राही
तुझे अकेले ही चलना होगा।
ज़िंदगी है तो परेशानियाँ भी होंगी,
तुझे इनसे अकेले ही लड़ना होगा।
कांटो से भरे इस राह को तुझे फूलों से भरना होगा।
आसान नहीं है कुछ भी मिलना यहाँ,
तुझे गिरकर ख़ुद ही संभलना होगा।
करके मन को शांत लक्ष्य को तुझे ही भेदना होगा।
जीवन के इस पथ पर ओ राही तुझे अकेले ही चलना होगा।
मत कर भरोसा इस वक्त पे, कहाँ तक ये साथ है।
कब कौन कहाँ इस राह में साथ छोड़ दे,
तुझे ख़ुदपर भरोसा करना होगा।
आयेंगी बहुत अड़चने राह में, तुझे ही उनसे निपटना होगा।
करके परिश्रम इस जीवन में, तुझे ख़ुद ही काबिल बनना होगा।
कोई नहीं है अपना इस जग में,
तुझे अपना साथी ख़ुद ही बनना होगा।
जीवन के इस पथ पर ओ राही तुझे अकेले ही चलना होगा।
कोई नहीं है अपना इस दुनिया में,
ये बात तुझे समझना होगा।
ओ राही तुझे अकेले ही चलना होगा
अकेले ही चलना होगा।

Written By Sapana Mishra, Posted on 15.09.2023

प्राकृतिक सौंदर्य

SWARACHIT6119

Madhav Kumar
~ माधब कुमार

आज की पोस्ट: 15 September 2023

प्राकृतिक सौंदर्य का आदान-प्रदान,
पेड़-पौधों की हरियाली, मनमोहक दृश्य,
नदियों का सुरमई जल, फूलों का खिलना,
प्रकृति की श्रेष्ठता, अनमोल अभिवादन।

फिजूल भौंकने की आदतों से हटकर,
हमें प्राकृतिक सौंदर्य को बचाना है,
पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य,
नहीं तो हो सकता है प्रकृति का प्रतिशोध।

आओ, प्रकृति को संरक्षित रखें,
इसका सहारा लें, उसका सम्मान करें,
हमारा जीवन है प्राकृतिक सौंदर्य का हिस्सा,
इसे प्यार से देखें, सँवारें, और बचाएं।

यही सतर्कता, हमारी जिम्मेदारी है,
प्रकृति के साथ हमें रहना है हमेशा,
उसकी सुन्दरता को हम बचाएंगे,
तभी बचेगा यह अनमोल विरासत कभी बनाना।

Written By Madhav Kumar, Posted on 15.09.2023

हसीं ख़्वाब

SWARACHIT6120

Shiv Pandey
~ शिव पांडेय (शिवम)

आज की पोस्ट: 15 September 2023

देखा जिस रात ख़्वाब मैंने
वो रातें मेरी रंगीन हो गयीं ।।

उसे सोचता रहा रात भर
और रातें मेरी हसीन हो गयी ।।

अगले दिन भेजा उसे मेसेज
वो सब जल्द ही सीन हो गयी ।।

मैंने चंद अल्फ़ाज़ बयाँ किये
उसके सामने फिर क्या यारों ।।

वो गयी मान मेरी बात और
अब वो मुझमे लीन हो गयी ।।

Written By Shiv Pandey, Posted on 15.09.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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