हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Saturday, 09 September 2023

  1. आखिरी क्षण का अहसास
  2. देश हमारा
  3. चल अकेला पथ पर अपने
  4. विश्वास रखो
  5. लोग हंसते कमाल है साहिब 
  6. तुम हो

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मंजर वो कितना भयावह होगा
जब जीवन के आखिरी क्षण का अहसास होगा,
तब धीरे-धीरे सबकुछ ओझल होगा
शरीर मन आत्मा बस में कुछ भी नहीं होगा।

सारे अरमान ख्वाहिशे
मन में ही धरी रह जायेगी
पर्वत उठाने का हौसला था जिनमे
एक तिनका उठाना भी संभव नहीं होगा।

एक अँधेरा सा घिरा रहेगा तब
रंग बिरंगी दुनिया नजर कहाँ आएगी अब
सगे संबंधि अपना पराया घिरे रहेंगे
कोई रोयेंगे तो कोई दूसरे को दिलासा देंगे
समझाए कौन की ये नींद
नहीं अब खुलने वाली।

सबको याद आएगी हमारी खूबियां
जीते जी जिसकी हमारी बुराई 
करने की पेशा हुआ करती थी।

तब छबि बनके उड़ने लगेगा आँखों में 
हमारे सारे कारनामें
ख़ुशी होगी किसी पर 
तो किसी पर दुःख होगा
आँशु अक्सर देखे हमने उन नम आँखों पर
क्षणभर में जिनकी आत्मा 
विलय हुआ इस सांसारिक वायु पर।

अब ना सुनने की क्षमता
रही उनकी ना क्षमता रही देखने की 
फिर उन आँखों से बहती वो अश्रु की मोती
जैसे शायद बताना चाहती है कुछ हमको।

सगे संबंधि, धन-दौलत सब यही रह जायेगा
तब याद आएंगे कर्म जो साथ हमारे जायेगा।

मंजर वो कितना भयावह होगा
जब जीवन के आखिरी क्षण का अहसास होगा।

Written By Dumar Kumar Singh, Posted on 09.08.2023

देश हमारा

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Seema Ranga
~ सीमा रंगा इन्द्रा

आज की पोस्ट: 09 September 2023

देश हमारा देश का गुणगान होना चाहिए

 जिस मां का दूध पिया उसका जिक्र होना चाहिए

 

 इस माटी का हूं इसका कर्जदार होना चाहिए

 मां भारती का लाल हूं चरणों में शीश झुकाना चाहिए

 

 देख सिर झूके ऐसा रुतबा होना चाहिए 

तिलक लगा माटी को धूल चटाने वाला होना चाहिए

 

 वीर हूं मातृभूमि पर मरने वाला होना चाहिए

 डंका ये जीत का चहू ओर होना चाहिए

 

 झिलमिलाते श्याम में देश का सपना होना चाहिए

 गानों की नहीं देशभक्ति गीतों की गूंज होनी चाहिए

 

 हुंकार जो भरी है चहू ओर होनी चाहिए

 जहां पहुंचनी हो वहां बात पहुंचनी चाहिए

 

 योद्धा हो मां भारती के सबको पता होना चाहिए

 जज्बा यह सब में आम होना चाहिए।

Written By Seema Ranga, Posted on 21.08.2023

चल अकेला पथ पर अपने,

कोई संगी साथी नहीं।

फुल बिछे हो या कांटे,

जो है किस्मत ने रे बाँटे

पाँव में पड़ जाये छाले,

गम भी हो तो मुस्कुरा ले

चल अकेला पथ पर अपने,

कोई संगी साथी नहीं।

लड़ रहे हैं कैसी कैसी,

बातों पर ये अपने सारे

कोई चाहे धन और दौलत,

कोई चाहे दुनिया की शौहरत

चल अकेला पथ पर अपने,

कोई संगी साथी नहीं।

आज बंटे हैं भाई भाई,

नहीं पाटते बीच की खाई

जिंदगी भर करी कमाई,

अंत में हाथ खाली भाई

चल अकेला पथ पर अपने,

कोई संगी साथी नहीं।

Written By Hemraj Nagora, Posted on 02.09.2023

विश्वास रखो

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Manoj Bathre
~ मनोज बाथरे चीचली

आज की पोस्ट: 09 September 2023

अपने मन पर 

अपने दृढ़ संकल्प पर

अपनी इच्छाशक्ति पर

अपनी मेहनत पर 

विश्वास रखो 

ये सब हमारे जीवन के लिए

बहुत ही मददगार है

हम इन सबकी दम पर ही 

जिंदगी में आए

हर उतार चढ़ाव का

मजबूती के साथ 

मुकाबला करने में 

समर्थ रहते हैं।।

Written By Manoj Bathre , Posted on 03.06.2021

 

लोग  हंसते  कमाल है साहिब 
जबकि जीना मुहाल है साहिब 

आँख उसकी तो लाल है साहिब
ख़ून  में  कुछ  उबाल  है साहिब

ज़ीस्त अच्छी है  या क़ज़ा अच्छी
अपना-अपना  ख़याल है साहिब

घाव तो भर गया है ये जल्दी
दर्द लेकिन  बहाल है साहिब

बात परदेस की हो या घर की 
हर जगह ही वबाल है साहिब

जो था  आगे   वही तो हारा है
कुछ हुआ गोलमाल है साहिब

जानकर बाज़ियाँ वो हारा है
ये हुनर  बेमिसाल है साहिब

पीठ  पीछे  वो  तंज करता है
सामने कब मज़ाल है साहिब

उस पे `आनन्द` है यक़ीं मुझको
सच में वो  बाकमाल है साहिब

 

Written By Anand Kishore, Posted on 06.06.2021

तुम हो

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Sumit Singh Pawar
~ सुमित सिंह पवार "पवार"

आज की पोस्ट: 09 September 2023

हो चाह तुम ही
और हमसफर भी तुम हो,
हो राह तुम ही
और मंजिल भी तुम हो,

हो हंसी तुम ही
और नाराजगी भी तुम हो,
हो जबाब तुम ही
और सवाल भी तुम हो,

हो पैमाना तुम ही
और बेपनाह भी तुम हो,
हो निशा तुम ही
और प्रभा किरण भी तुम हो,

हो रफ्तार तुम ही
और ठहराव भी तुम हो,
हो व्यस्तता तुम ही
और मेरे लिये खाली भी तुम हो,

हो साधारण तुम ही,
और खुद में अप्रतिम भी तुम हो,
हो आधुनिक तुम ही,
और व्यवहारी भी तुम हो,

हो सहज तुम ही,
और दूभर भी तुम हो,
हो प्यार मेरा तुम ही,
और मेरी दुनिया सारी तुम हो....

 

Written By Sumit Singh Pawar, Posted on 16.12.2021

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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