मंजर वो कितना भयावह होगा
जब जीवन के आखिरी क्षण का अहसास होगा,
तब धीरे-धीरे सबकुछ ओझल होगा
शरीर मन आत्मा बस में कुछ भी नहीं होगा।
सारे अरमान ख्वाहिशे
मन में ही धरी रह जायेगी
पर्वत उठाने का हौसला था जिनमे
एक तिनका उठाना भी संभव नहीं होगा।
एक अँधेरा सा घिरा रहेगा तब
रंग बिरंगी दुनिया नजर कहाँ आएगी अब
सगे संबंधि अपना पराया घिरे रहेंगे
कोई रोयेंगे तो कोई दूसरे को दिलासा देंगे
समझाए कौन की ये नींद
नहीं अब खुलने वाली।
सबको याद आएगी हमारी खूबियां
जीते जी जिसकी हमारी बुराई
करने की पेशा हुआ करती थी।
तब छबि बनके उड़ने लगेगा आँखों में
हमारे सारे कारनामें
ख़ुशी होगी किसी पर
तो किसी पर दुःख होगा
आँशु अक्सर देखे हमने उन नम आँखों पर
क्षणभर में जिनकी आत्मा
विलय हुआ इस सांसारिक वायु पर।
अब ना सुनने की क्षमता
रही उनकी ना क्षमता रही देखने की
फिर उन आँखों से बहती वो अश्रु की मोती
जैसे शायद बताना चाहती है कुछ हमको।
सगे संबंधि, धन-दौलत सब यही रह जायेगा
तब याद आएंगे कर्म जो साथ हमारे जायेगा।
मंजर वो कितना भयावह होगा
जब जीवन के आखिरी क्षण का अहसास होगा।
देश हमारा देश का गुणगान होना चाहिए
जिस मां का दूध पिया उसका जिक्र होना चाहिए
इस माटी का हूं इसका कर्जदार होना चाहिए
मां भारती का लाल हूं चरणों में शीश झुकाना चाहिए
देख सिर झूके ऐसा रुतबा होना चाहिए
तिलक लगा माटी को धूल चटाने वाला होना चाहिए
वीर हूं मातृभूमि पर मरने वाला होना चाहिए
डंका ये जीत का चहू ओर होना चाहिए
झिलमिलाते श्याम में देश का सपना होना चाहिए
गानों की नहीं देशभक्ति गीतों की गूंज होनी चाहिए
हुंकार जो भरी है चहू ओर होनी चाहिए
जहां पहुंचनी हो वहां बात पहुंचनी चाहिए
योद्धा हो मां भारती के सबको पता होना चाहिए
जज्बा यह सब में आम होना चाहिए।
Written By Seema Ranga, Posted on 21.08.2023चल अकेला पथ पर अपने,
कोई संगी साथी नहीं।
फुल बिछे हो या कांटे,
जो है किस्मत ने रे बाँटे
पाँव में पड़ जाये छाले,
गम भी हो तो मुस्कुरा ले
चल अकेला पथ पर अपने,
कोई संगी साथी नहीं।
लड़ रहे हैं कैसी कैसी,
बातों पर ये अपने सारे
कोई चाहे धन और दौलत,
कोई चाहे दुनिया की शौहरत
चल अकेला पथ पर अपने,
कोई संगी साथी नहीं।
आज बंटे हैं भाई भाई,
नहीं पाटते बीच की खाई
जिंदगी भर करी कमाई,
अंत में हाथ खाली भाई
चल अकेला पथ पर अपने,
कोई संगी साथी नहीं।
Written By Hemraj Nagora, Posted on 02.09.2023अपने मन पर
अपने दृढ़ संकल्प पर
अपनी इच्छाशक्ति पर
अपनी मेहनत पर
विश्वास रखो
ये सब हमारे जीवन के लिए
बहुत ही मददगार है
हम इन सबकी दम पर ही
जिंदगी में आए
हर उतार चढ़ाव का
मजबूती के साथ
मुकाबला करने में
समर्थ रहते हैं।।
Written By Manoj Bathre , Posted on 03.06.2021
लोग हंसते कमाल है साहिब
जबकि जीना मुहाल है साहिब
आँख उसकी तो लाल है साहिब
ख़ून में कुछ उबाल है साहिब
ज़ीस्त अच्छी है या क़ज़ा अच्छी
अपना-अपना ख़याल है साहिब
घाव तो भर गया है ये जल्दी
दर्द लेकिन बहाल है साहिब
बात परदेस की हो या घर की
हर जगह ही वबाल है साहिब
जो था आगे वही तो हारा है
कुछ हुआ गोलमाल है साहिब
जानकर बाज़ियाँ वो हारा है
ये हुनर बेमिसाल है साहिब
पीठ पीछे वो तंज करता है
सामने कब मज़ाल है साहिब
उस पे `आनन्द` है यक़ीं मुझको
सच में वो बाकमाल है साहिब
Written By Anand Kishore, Posted on 06.06.2021
हो चाह तुम ही
और हमसफर भी तुम हो,
हो राह तुम ही
और मंजिल भी तुम हो,
हो हंसी तुम ही
और नाराजगी भी तुम हो,
हो जबाब तुम ही
और सवाल भी तुम हो,
हो पैमाना तुम ही
और बेपनाह भी तुम हो,
हो निशा तुम ही
और प्रभा किरण भी तुम हो,
हो रफ्तार तुम ही
और ठहराव भी तुम हो,
हो व्यस्तता तुम ही
और मेरे लिये खाली भी तुम हो,
हो साधारण तुम ही,
और खुद में अप्रतिम भी तुम हो,
हो आधुनिक तुम ही,
और व्यवहारी भी तुम हो,
हो सहज तुम ही,
और दूभर भी तुम हो,
हो प्यार मेरा तुम ही,
और मेरी दुनिया सारी तुम हो....
Written By Sumit Singh Pawar, Posted on 16.12.2021
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