हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Tuesday, 22 August 2023

  1. सवाल नइ
  2. ये सच हां बताते रहो
  3. बच्चे अब बच्चे कहां रहे
  4. होता है
  5. तुम्हें जब भी देखा
  6. वीरों की कुर्बानी

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सवाल नइ

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Kunal Kanth
~ कुणाल कंठ कामिल

आज की पोस्ट: 22 August 2023

वावेला खूब मगर सवाल नइ 

रब्बुल आवाम पर मजाल नइ 

 

शहर के शहर जल गए लेकिन

हुकुम को अबतक जवाल नइ 

 

साख़्ता शादाब देख यक़ीन हुआ

समर तुराब अमन-ए-रिहाल नइ 

 

खोट नीयत चमन नज़ीर गर्द ऑंखें

सब नाज़ ए शैतां नेक-ख़िसाल नइ 

 

जो कहना होता है कह जाता बेबाक 

इसके अलावा मुझमे कुछ कमाल नइ 

 

इक बरस से है हसरत फाँसी की कुनु

हँसते हँसते झूल जाऊँ तो मलाल नइ 

Written By Kunal Kanth, Posted on 24.07.2023

नज़रों को मिलाते रहो नजरों को झुकाते रहो,
बाग़ी जहां मुहब्बत मिलें वहां जां लुटाते रहो।

 

सोना चांदी कागज़ के नोट और नफ़रत नहीं,
तुम प्यार वफ़ा.. इंसानियत सदा कमाते रहों।

 

कुछ भी चलता नहीं संग अर्थी ओर जनाजे के,
सिवाय भलाई के सब कुछ कमाया गंवाते रहो।

 

जो आज़ धर्म जात मज़हब के नाम पर बांटते,
उनके घरों पे शैतानों के काले निशां लगाते रहो।

 

है खून ओर रूह का रंग रूप सबका एक सा ही,
``बाग़ी``गले सब को लगा के ये सच हां बताते रहो।

Written By Ajay Poonia, Posted on 01.07.2023

बच्चे अब बच्चे कहां रहे।
वो अब नादान परिंदे नहीं रहे।

बुज़ुर्गों के साथ बैठ।
न अब ज्ञान सीखना चाह रहे।
अब वो सब कुछ ढूंढे इंटरनेट पर।
अरु मोबाइल में झांक रहे।।

न भान रहा उनको अब कुछ।
है अनुभव से ज्यादा ज्ञान नहीं।।
हैं अब गैरों में अपना ढूंढ रहे।
खुद अपनों की पहचान नहीं।।

Written By Shivang Mishra, Posted on 02.04.2023

होता है

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Saddam Husain
~ सद्दाम हुसैन नाज़ाँ

आज की पोस्ट: 22 August 2023

यूँ करम मुझ पे तेरा शामो सहर होता है
मेरा हर लमहा मसर्रत में गुज़र होता है

सिद्क से काम हमेशा जो लिया करते हैं
उनकी बातों का ज़माने पे असर होता है

होके अफसुर्दा ये कहती है ज़ईफी मुझ से
,दर्द में कैफ नहीं फिर भी मगर होता है,

हाल क्या आशिके सादिक का बताऊँ में तुझे
उस का कांटों से ही हर वक़्त गुज़र होता है

इस लिए ज़िक्र तेरा में ने रखा है कायम
जब करूँ र्तक तो फिर र्दद जिगर होता है

तेरी खुशबू से ही नाज़ां का मुअत्तर है वजूद
गुलशन ए कलब का तु यूँ गुले तर होता है

Written By Saddam Husain, Posted on 22.08.2023

तुम्हें
जब भी देखा
बस तुम्हें देखा
एकटक देखा
जी भर देखा
होकर देखा
खोकर देखा
तुम में

तुम्हें
जब भी देखा
तो नही देखा
घर
परिवार
समाज
नही देखा
कि क्या कहेंगे लोग
क्या होगा मेरा मजाक

तुम्हें
जब भी देखा
तो नही देखा
उद्धरण
नतीजा
सबक
नही देखा
अतीत
वर्तमान
भविष्य
नही देखा
लोकोक्तियां
क़िस्से
मुहावरे
नही देखा
अर्थ
काम
समय
नही देखा
नही देखा
सेहत
शरीर
स्वार्थ
नही देखा

तुम्हें
जब भी देखा
तो तुम्हें देखा

तुम्हें
जब भी देखा
तो देखा
आश्चर्य से
लय से
भय से

Written By Narendra Sonkar, Posted on 22.08.2023

सबसे प्यारा हिंदूस्तान हमारा
तुम हिंदू राष्टृ का नारा लगाओ ।

इज्जत दी है वीरों ने जो हमें
उसे दिल से कभी न मिटाओ ।

देख वीरो के बलिदान को तुम
इसे तुम अपना आदर्श बनाओ ।

देश में भरे पड़े हैं गद्दार बहुत
तुम इनकी बातों मे न आओ ।

आपस में हो भाई चारा भाईयों
आपस में ही न लड़ मर जाओ ।

वीर भगत, चंद्रशेखर और
सुखदेव को तुम ना भुलाओ ।

नफ़रत के तुम बीज ना बोओ
तुम आपस में मत लड़ जाओ ।

नेहरू, गांधी और जिन्ना की
तुम गलतियों को न दोहराओ ।

रखके वीरों की कुर्बानी का मान
तुम मातृभूमि को स्वर्ग बनाओ ।

सबसे प्यारा हिंदूस्तान हमारा
तुम हिंदू राष्टृ का नारा लगाओ ।

Written By Shiv Pandey, Posted on 22.08.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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