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Wednesday, 09 August 2023

  1. चाय प्रेमियों के लिये
  2. कुछ फासले
  3. सभी से कह रहे हो ऐसी अय्यारी नहीं होती
  4. सम्राट पृथ्वीराज चौहान
  5. श्रीमती जी
  6. कविता की परिभाषा

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सर्दियों की धूप,
सुलगते अलाव,
चटकती मूँगफली और
एक प्याली चाय.

अनकहे कहकहे,
पुराने दोस्त,
बिसरी यादें और
एक प्याली चाय.

शारीरिक थकावट,
वक्त का गुजारना,
जायकेदार स्वाद और
एक प्याली चाय.

सुस्ती से फुर्ती,
जुबां में मिठास,
अदरक,तुलसी की महक और
एक प्याली चाय.

नुक्कड़ का खोखा,
दस रुपये का संसार,
दिल ने कहा फिर से हो जाए 
एक प्याली चाय.

Written By Sumit Singh Pawar, Posted on 08.12.2021

कुछ फासले

21FRI02041

Manoj Bathre
~ मनोज बाथरे चीचली

आज की पोस्ट: 09 August 2023

हमारे

जीवन में आए

उन सब 

फासलों को

तुम भी मिटाओं

ताकि 

बना रहे

धरा पर तुम संग

हमारा तुम्हारा

भाईचारा

जिससे रोशन हो

ये जग सारा

और

बना रहे हमारे संबंधों का

इस धरा पर उजियारा।।

Written By Manoj Bathre , Posted on 12.05.2021

सभी से  कह  रहे हो  ऐसी  अय्यारी  नहीं  होती!
मुहब्बत हर किसी की  यूँ तो बाज़ारी नहीं होती! 

तुम्ही बतलाओ  मेरी  बात  का आए यक़ीं  कैसे, 
किसी भी शख़्स की मुझसे दिल आज़ारी नहीं होती! 

सभी रहते हैं मिल जुलके मुहब्बत से उख़ुव्वत से,
हमारे  दरमियाँ नफ़रत  की चिनगारी नहीं होती!

हमारे  सब  अमल  हालात  के  माक़ूल  होते  हैं,
हमारी  पहले  से  कोई  भी  तय्यारी  नहीं  होती! 

मैं सीधा  साधा  इंसाँ हूँ  यही  सच्चाई  अपनी है,
दिखावे  के  लिए  मुझसे  अदाकारी  नहीं  होती! 

बुराई  देखकर  मैं भी  अगर  ख़ामोश  रह जाता,
मिरे अन्दर  ज़रा भी  बाक़ी  ख़ुद्दारी  नहीं  होती! 

तख़य्युल में  सही तुम  आते जाते ही अगर रहते,
हमारी  शामे ग़म  इतनी  कभी  भारी  नहीं होती!

अगर  पूछो  सवालों  को `लकी` ग़द्दार  कहते हैं,
जो  कहते हैं  ग़लत  कहते हैं  ग़द्दारी  नहीं होती! 

Written By Mohammad Sagheer, Posted on 19.02.2022

नाम आपका अमर रहेगा सम्राट पृथ्वीराज चौहान,
ऐसा रचाया इतिहास कि याद करता रहेगा जहान।
माफ़ किया आपने मोहम्मद-गौरी को सोलवी बार,
ढेरों युद्ध जीतकर रणभूमि से बनें हो आप महान।।

बचपनें में तीर-कमान युद्ध-कला में निपुण हो गये,
और १५ वर्ष की आयु में राज़ काज सम्भाल लिये।
पिता का नाम राजा सोमेश्वर एवं माता कर्पूरी देवी,
देश की एकता अखंडता के लिए बलिदान दे दिये।।

करतें वंदन आपकों दिल्ली के अन्तिम हिंदू सम्राट,
सबसे ऊंचा नाम रहेंगा आपका अजमेर के सम्राट।
५०० हाथी तीन-लाख सैनिक थें अनेंको घुड़सवार,
मान मर्दन एवं हिंदू कुलभूषण के चक्रवर्ती सम्राट।।

राय पिथौरा के नाम से भी जाना जाता है आपको,
शब्दभेदी तीर चलानें में संसार जानता है आपको।
महान राजकवि व परममित्र थे चंद्रबरदाई आपके,
चौहान वंश व हिंदू धर्म में सब पहचानते आपको।।

बाल्यावस्था से ही वैभवपूर्ण वातावरण में पले बड़े,
६ भाषा में सरस्वती कण्ठाभरण विद्यापीठ में पढ़ें।
युद्धकला और शस्त्र विद्या गुरु श्रीराम जी से लिये,
विवाह और बहादुरी के किस्से आपके है भरें पड़ें।।

Written By Ganpat Lal, Posted on 14.05.2022

श्रीमती जी

SWARACHIT6044

Ashwini Kumar Tiwari
~ अश्विनी कुमार

आज की पोस्ट: 09 August 2023

रमण - भ्रमण करते है जाके
होगा तत्क्षण विश्राम कहा ,
गिनती विनती करते दमपति,
पाउती है वो बहुत कीमती,
अरे ओ श्रीमती सुनो तो!

आ रती करते है हम आप की
तुम हो मेरी घाती।
मुझको तो परती है लेकीन, इतनी नही है फुरती
अरे ओ श्रीमती सुनो तो!

करने को वो कर ले भरती,
फिर भी क्यो मुझको लगती है गलती,
तुम तो हो बहुत शर्मीली, कितनी हो मेहनती,
अरे ओ श्रीमती सुनो तो

भानुमती रानी हो मेरी,
तुम्ही मेरी रूपमती ,
अब खोज रहा हू तुम्मे मिल जाए, मुझको गुणवती
अरे ओ श्रीमती सुनो तो !

Written By Ashwini Kumar Tiwari , Posted on 09.08.2023

कविता की परिभाषा

SWARACHIT6045

Anup Kumar
~ अनुप कुमार

आज की पोस्ट: 09 August 2023

कविता की क्या परिभाषा दूँ मैं
कैसे कोई कविता बनती है
है लम्बी बहस का ये मुद्दा
इतना तो नहीं मुझमे माद्दा
कर सकता हूँ थोड़ी कोशिश
दिल टूटे उठती दुख की कशिश
कविता बन सामने आता है
क्या ये कविता की परिभाषा है??

यह भावों का शव्द रूप
अभव्यक्ति की यह वाणी है
प्रेम,आकर्षण, कल्पनाओं की
जलती-बुझती कहानी है
जिनको कहना यूँ मुमकिन न हो
उस मूक दिल की यह आशा है
उन आशाओं का भाषा स्वरूप ही
क्या कविता की परिभाषा है??

कोई प्यार किसी से करता है
विश्वास उसी पर करता है
बदले में मिलता धोखा है
आंखों से आँसू बहता है
वो आंसू खारा पानी नहीं
वो तो होती एक कविता है
वेदनाओं का यह सत्य स्वरूप
क्या कविता को परिभाषित करता है??

प्रकृति के अनसुलझे रहस्य को
प्रेम युक्त अनकहे उक्ति को
नयनों से अनदिखे दृश्यों को
संवेदनाओं से युक्त
कल्पनाओं के शव्दों से
माला की लड़ियों के समान
यथार्थ की धरा पर लाता
क्या ये न होती है कविता ??

क्रांति का यह विगुल बजाती
प्रेम के संदेशों को देती
वीर भाव भर भय निकालती
भक्ति भाव का मार्ग दिखाती
व्यंग्ययुक्त शव्दों से कभी यह
वास्तविकता को बाहर लाती
वुद्धि विवेक की सृजनशीलता
क्यूँ ना कहलाए यह कविता ??

नीरस कहानियों में रस भरती
वेजान शव्दों की प्राण वायु यह
छंदों में बंध, लय का प्रवाह यह
जीवन संगीत का तान सुनाती
प्रस्तुती की यह सुंदर कृति
कड़वापन में भी मधुर अहसास
दिल के तारों को झंकृत कर दे जो
ऐसी रचना ही कविता कहलाती।
ऐसी रचना ही कविता कहलाती।।

Written By Anup Kumar, Posted on 09.08.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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