हिन्दी बोल India ई-पत्रिका

Tuesday, 08 August 2023

  1. सावन
  2. आईना
  3. दान पुण्य ही काम आएगा
  4. जादूगरनी
  5. बिछड़ गए जो साथी
  6. इश्क बीमा

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मनभावन सावन आते ही,
रिमझिम बारिश आती है।
हरे भरे पल्लवित उपवन में,
रौनक अनूठी छा जाती है।...

सूखी शाखाओं पर भी,
कोंपल नाज़ुक आती है।
भरमार सरीसृपों सहित,
कीट पतिंगों की छाती है।
जल आवक से जलाशयों में,
कमल-कुमुदिनी मदमाती है।
लबालब देख पोखर का छोर,
जलीय जीव मेंढकी हर्षाती है।
शुष्क पड़ी मरुधरा में फसलें,
मोठ-बाजरी की लहलहाती हैं।
मनभावन सावन आते ही,
रिमझिम बारिश आती है।...

बोले दादुर मोर पपीहा पावस में,
कोयल ने अक्सर मौन साधी हैं।
चंपा चमेली जूही की खुशबू,
अंतर्मन मदहोशी ख़ूब लाती है।
झूला झूलती सखियां बगिया में,
हो उल्लसित गीत मल्हार गाती है।
नवपरिणीत सखी से कर ठिठोली,
प्रियतम की यादों से लजाती है।
निर्झरणी तीर्थस्थल देवालयों पर,
देवाधिदेव महादेव भक्ति भाती है।
मनभावन सावन आते ही,
रिमझिम बारिश आती है।

Written By Mahendra Singh Katariya, Posted on 06.08.2023

आईना

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Anand Kishore
~ डॉ आनन्द किशोर

आज की पोस्ट: 08 August 2023

 

याद माज़ी की दिलाता आईना 
राज़ चुपके से बताता आईना 

झुर्रियां चेहरे की देखीं जिस घड़ी
धड़कनें दिल की बढ़ाता आईना 

इसकी फ़ितरत भी यही मशहूर है 
सच ख़रा सबको दिखाता आईना 

सबको उनके अक्स दिखलाकर के फिर
धीरे - धीरे  मुस्कुराता  आईना

हो जवाँ बूढ़ा या मुफ़लिस या धनी
नाज़ सबके ही उठाता आईना

कर रहा है फ़र्ज़ पूरा सिर्फ़ वो
दिल किसी का कब दुखाता आईना

जो भी जैसा है नज़र आता वही
किसको लेकिन आज़माता आईना

देखकर शीशे में अपना क़ल्ब फिर 
ख़ुद ही अक्सर चौंक जाता आईना 

फ़ायदा `आनन्द` होगा उम्र भर
सीख लो जो भी सिखाता आईना 

शब्दार्थ:- क़ल्ब = core of heart 

 

Written By Anand Kishore, Posted on 03.06.2021

जिंदगी का एक वर्ष और कम हो गया
इंसान यह सोचते न जाने कहाँ खो गया
उम्र बीत गई एक एक साल करते करते
बचपन जवानी निकल गये इंसान बूढ़ा हो गया

मनाते हैं खुशियां हर वर्ष हम
जन्म दिवस जब किसी का आता है
इस खुशी के चक्कर में भूल जाते हैं
जीवन का एक वर्ष कम हो जाता है

खुश होते हैं बहुत उस दिन
सब दोस्तों को बुलाते हैं
जमती है खूब महफ़िल रात को
मांस और मदिरा उड़ाते हैं

पंडित जी आते है पूजा अर्चना करवाते हैं
ग्रह टल जाएंगे ऐसा वह बतलाते हैं
जिंदगी अपनी का भरोसा नहीं एक पल का
दूसरों की साँसों को आगे बढ़ाते हैं

जन्म दिन यदि मनाना है तो
भूखे नंगे को करो तुम दान
दान दिया हुआ ही काम आएगा
छूटने लगेंगे जब शरीर से प्राण

Written By Ravinder Kumar Sharma, Posted on 30.01.2022

जादूगरनी

SWARACHIT6041

Rajendra Verma
~ राजेंद्र वर्मा

आज की पोस्ट: 08 August 2023

जादूगरनी
छलकाती फिरती
रसगगरी।

रस की वर्षा
करती रहती है
घर-घर में,
टोने-टुटके
करती रहती है
मृदु स्वर में,

मधुपात्रों में
गरल पिलाती है
हर नगरी।
जाने कितने
रूप धरे फिरते
रति-अनंग,
जर्जर काया,
किन्तु गगनचुंबी
मन-विहंग,
रास-रंग में
नख-शिख डूबी है
मति सगरी।

चलना होगा
अग्निपथों पर भी
तन-मन से,
चुनना होगा
बिखरे सौरभ को
कण-कण से,
अरी जिन्दगी!
कब तक सोयेगी
अब जग री !

Written By Rajendra Verma, Posted on 08.08.2023

बिछड़ गए जो साथी हम से
नजर ना आये फिर वो कसम से

जग में आये हाथ फैलाये,
सब कुछ छिना हम से हाय,
टूट गया सपनों का मंदिर
ख़ामोशी में कह न पाए !

टूटी फूटी किस्मत पाई ,
प्यार रूप में मिली जुदाई ,
ऐसा गम न मिले किसी को
चाहे मिले दुश्मन खुदाई !

अगर आज ऐसा न होता ,
जग न हँसता मैं न रोता,
जीवन के अनमोल मोती,
जा रहा हूँ आज मैं खोता !

आज निराशा ऐसी छाई,
कुछ नहीं है साथ में भाई ,
जीवन का सन्देश यही है
समझो दुखों की गहराई !

Written By Naveen Kumar, Posted on 08.08.2023

इश्क बीमा

SWARACHIT6043

Uma Patni
~ उमा पाटनी (अवनि)

आज की पोस्ट: 08 August 2023

वो जो बन संवर के निकलते हैं घर से
अपना तो रोज कत्लेआम करते हैं
कल निशाना तीरे नजर था आज
सीधा निशाना तीरे जिगर जान करते हैं
इश्क में इतने मशगूल हैं कि
उनकी बेरूखी का भी एहतराम करते हैं
इश्क को कौन बांध सका है जंजीरों में गालिब
हम यहाँ इश्क बेखौफ खुले आम करते हैं
निकम्मा सा कहते हैं लोग हमें
कभी इश्क की गलियों में आना हुआ तो फिर देखें
इश्क के मरीज हमें यहाँ दुआ सलाम करते हैं
"इश्क की राह में गर रुक्सत हुए तो
लैला-मझनू से ऊपर नाम हो हमारा
ऐसे इश्क बीमा की मिन्नतें तमाम करते हैं

Written By Uma Patni, Posted on 08.08.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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