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Friday, 21 July 2023

  1. सच्चे यार न मिले
  2. वफ़ा का फरिश्ता
  3. दिल
  4. छूट गया रानीखेत
  5. श्रावण मास आ गया
  6. कब सुलझे ये पहेली
  7. क्यों शोक करें
  8. मोहब्बत का गुनाह

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सच्चे यार न मिले

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Bharatlal Gautam
~ भरत लाल गौतम

आज की पोस्ट: 21 July 2023

मतलबी मिले स्वार्थी मिले सच्चे यार ना मिले,

मुझे तो जो भी दोस्त मिले गद्दार ही मिले. / मतलबी मिले ...

हद से भी ज्यादा उठाये सब फायदा,

हमने तो चाहा फूल मगर कांटों के हार मिले. / मतलबी मिले ...

प्रेम किया श्रद्धा किया विश्वास किया हमने,

वफा निभाई हमने मगर वो न वफादार मिले. / मतलबी मिले ...

हमने तो चाहा सही साथी मिले साथ मिले,

प्यार निभाया हमनें मगर हमें प्यार न मिले. / मतलबी मिले ...

हद से भी ज्यादा लगा लिया दिल हमनें,

दिल तो लगाया सबने मगर दिलदार न मिले. / मतलबी मिले ...

Written By Bharatlal Gautam, Posted on 20.04.2023

मेरे दिल जिगर जां ने
मेरी पीठ थपथपा के
खंजर घोंप दिया,
जैसे सुखे रेगिस्तान कि
गर्म बालू रेत में
मेरी हड्डियों का
बेज़ा पिंजर रोप दिया।
अब कहने सुनने को
कुछ ख़ास बचा नहीं है,
प्यार इश्क वफ़ा का
जनाजा ज़ालिम ने
दगा के शामियाने में
क्या खूब सज़ा दिया।
ओर कितना सहन करता?
ओर कितनी अनदेखी करता ?
ओर कितना झुठा मैं हंसता,,?
मेरे दोस्तों की सब महफिलों को
ज़ालिम ने मेरे दुश्मनों से भर दिया।
नाम रोशन क्या ख़ाक होता मिरा
कमब़ख्त ने `बाग़ी` को बेवफा बता के
खुद को वफ़ा का फरिश्ता बता दिया।

Written By Ajay Poonia, Posted on 08.06.2023

दिल

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Siddharth Yadav
~ सिद्धार्थ यादव

आज की पोस्ट: 21 July 2023

जब खयाल दिल से उठ जाए,
रूह को सुकून मिल जाए,
दिल की हर धड़कन तेरे नाम हो,
ऐसी लाइनें जो दिल को छू जाएं।


चाहत का हर रंग तेरे नाम करूँ,
खुशियों की हर लहर तेरे नाम करूँ,
ज़िंदगी की हर ख़ुशी मंज़ूर हो तुझे,
ऐसी लाइनें जो दिल को छू जाएं।


प्यार का रंग दिल से भर दूँगा,
तेरे ख़्वाबों में खो जाऊँगा,
हर दिन तेरे लिए ख़ास बनाऊँगा,
ऐसी लाइनें जो दिल को छू जाएं।


तेरी यादों की महक हमेशा रहे,
दिल में ख़ुशियों की उम्मीदें जगे,
तेरी हर बात पे दिल मेरा मचले,
ऐसी लाइनें जो दिल को छू जाएं।


ख़्वाहिशों का हर सफ़र तेरे नाम करूँ,
मोहब्बत की हर आवाज़ तेरे नाम करूँ,
दिल की हर धड़कन तेरे संग हो,
ऐसी लाइनें जो दिल को छू जाएं।


नज़रें तेरी मेरे दिल को छू जाएं,
ख़्वाहिशों के हर पन्ने को तू भर जाएं,
जब भी तेरी याद आए मेरे दिल को,
वो लाइनें हमेशा याद रह जाएं।

Written By Siddharth Yadav, Posted on 23.06.2023

छूट गया रानीखेत

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Prakash Pant
~ प्रकाश पंत

आज की पोस्ट: 21 July 2023

आज नये शहर में आकर 

मुझे ये ख्याल आया।

शायद मैं कुुछ अपना

पुराने शहर में भूल आया।

किसी ने कहा दोस्त छूट गया कोई 

किसी ने कहा सामान  छूट गया कोई। 

फिर मेरे दिल ने कहा

क्या वहां यादों की जंजीर  छूट गई है।

या किसी की तस्वीर छूट गई  है

क्या कोई अपना रुठ गया है वंहा पर।

या कोई सपना छूट गया है वंहा पर 

इस तरह लोगो ने कई मत दिए  अपने।

लेकिन ये कोई भी बता ना पाया

कि क्या मैं पुराने शहर में छोड़ आया।

सभी ने मुझको बहुत समझाया 

कुछ भी वंहा पर छूट ना पाया।

लेकिन मेरा दिल मान ना पाया

कुछ तो था जो मैं वंहा छोड़ आया।

इस तरह कुछ दिन बीत गए 

जख्म जो उभरे थे, वो भी रीत गए। 

एक दिन जब वक़्त बीत नहीं रहा था

सोचा अपनी डायरी पढ़ लूं।

डायरी खोलते ही मैं समझ पाया

क्या अपना मैं वंहा छोड़ आया।

फिर आइने को अपने मैने  बताया

बचपन तो अपना मैं वंही छोड़ आया।

 

Written By Prakash Pant, Posted on 14.07.2023

मौसम भी बदला-बदला सा लग रहा है,

प्रकृति का संकेत की श्रावण मास आ गया है।

 

वर्ष भर का इंतज़ार भक्तो का

खत्म हो गया अब,

प्रभु महादेव से मिलने का वक्त आ गया है,

की श्रावण मास आ गया है।

 

हर गाँव/शहर से अब कांवर उठने लगा है,

रिमझिम करता मौसम प्रभु महादेव को

जल अर्पित कर रहा है।

कि श्रावण मास आ गया है।

 

अब सज गई है फलों की दुकानें,

व्रत का महीना ``श्रावण मास`` आ गया है।

नई उमंग नई ख़ुशी का तरंग छा गया है,

की शिव भक्तों का श्रावण मास आ गया है।

 

श्रावण अर्थात सुनना भक्तों की पीड़ा,

कष्ठ और सबकी पहेली,

हरने भक्तों की सारी वेदना,

महादेव हर ठौर आ गया है,

की श्रावण मास आ गया है।

 

वेद/पुराणों में श्रावण मास ही अव्वल

निष्ठा, श्रद्धा, समर्पण भाव से व्रत करे जो,

फिर नहीं महत्ता वर्ष भर कोई व्रत करे वो।

कठोर व्रत कर इसी माह में

अधिपति रूप में प्रभु महादेव को

माँ पार्वती जी पायी,

हर प्रार्थना/अभिलाषा अब पूर्ण होगा,

महादेव अब भक्तों के प्रत्यक्ष आ गया है,

की श्रावण मास आ गया है।

 

मौसम भी बदला-बदला सा लग रहा है,

प्रकृति का संकेत की श्रावण मास आ गया है।।

Written By Dumar Kumar Singh, Posted on 15.07.2023

कब सुलझे ये पहेली

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Santosh Kumar Varma
~ संतोष कविराज

आज की पोस्ट: 21 July 2023

सियालदह स्टेशन
रात्रि 9 बजे का दृश्य
गाहें बगाहें
देखने को मिल जाती
है ऐसी दृश्य
आ गई है आदमियों
की बाढ़
ट्रेन की कोई
अभी तक नहीं खबर
शांतिपुर लोकल की
समय 8.45 पर
चार्ट बोर्ड पर है सबकी नजर
होती जा रही है रात
लोगों को जल्दी पड़ी
है घर जाने की
सभी अपने-अपने
कार्य से लौट कर
आ रहें हैं सियालदह स्टेशन
पल-पल बढ़ती ही जा रही
संख्या दर संख्या
होने लगी है धक्का मुकी
जैसे ही बोर्ड पर आई खबर
प्लेटफार्म संख्या एक पर
आने वाली है
शांतिपुर लोकल
लोग जहां थे वहां से
चल पड़े उसी भीड़ में
1 नंबर प्लेटफार्म की ओर
कैसे भी पकड़ना है ये लोकल
15 मिनट की देर और
स्टेशन में नहीं है पांव
रखने की जगह
कैमरे की नजर
लोगों पर
चिटियों से बढ़ते जा रहे हैं
सब एक ही तरफ
गाड़ी अभी पहुंची भी नहीं
स्टेशन पर
और लोग जम गए हैं
प्लेटफार्म के दोनों ओर
बैग को कर लिए पेट की ओर
ट्रेन की लाइट धीमी धीमी दिखने लगी अब
लोग होने लगे अब मुस्तैद
ट्रेन प्रवेश करते ही
चलती ट्रेन में चढ़ने लगे लोग
धक्कम धक्का, रेलम रेली
जाने कब ये सुलझे पहेली?

Written By Santosh Kumar Varma, Posted on 21.07.2023

क्यों हम
वृद्ध अवस्था पर शोक करें।
हमनें जिंदगी की
एक लम्बी लड़ाई लड़ी है।
तो क्या?
अब लड़ना छोड़ दें।

हमनें हकीकतों के
तजुर्बे काटे है।
वृद्ध अवस्था में
नकारात्मक सोच को
सबसे पहले दिमाग से काट दे।

दीजिए अपने
हुनर का खजाना।
मत सोचिये !
सहारा कौन होगा
सींचे अपना दायरा।
अपनी बुद्धता से
हर हाथ फिर
शक्ति स्तम्भ होगा।
तब हर वृद्ध
वृद्ध नहीं बुद्ध होगा।

Written By Preeti Sharma, Posted on 21.07.2023

कभी हमने भी
मोहब्बत का गुनाह किया था।
तुमसे मिलकर हमने
खुद को खुद से
जुदा किया था।
हर पल देखते थे तुमको
सोचते थे तुमको
इश्क में तुम्हारे हमने
अपने मस्तिष्क को भी
फ़िदा किया था।
कभी हमें भी
किसी की दिलकश
अदाओं ने घायल किया था।
कभी हमें भी
किसी की मुस्कुराहट भरी
आंखों ने क्याल किया था।

Written By Rajiv Dogra, Posted on 21.07.2023

Disclaimer

कलमकारों ने रचना को स्वरचित एवं मौलिक बताते हुए इसे स्वयं पोस्ट किया है। इस पोस्ट में रचनाकार ने अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए हैं। पोस्ट में पाई गई चूक या त्रुटियों के लिए 'हिन्दी बोल इंडिया' किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है। इस रचना को कॉपी कर अन्य जगह पर उपयोग करने से पहले कलमकार की अनुमति अवश्य लें।

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